POK से उठने लगी आवाज, “हम भारत का हिस्सा हैं” (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: जम्‍मू-कश्‍मीर पर मोदी सरकार के फैसले की जहां पूरे देश में सराहना हो रही है, वहीं नियंत्रण रेखा के पार भी इसके समर्थक हैं, जिनका कहना है कि वे भारत का हिस्‍सा हैं और भारतीय संसद में भी उन्‍हें भी प्रतिनिधित्‍व मिलना चाहिए। जम्‍मू एवं कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 के कई महत्‍वपूर्ण प्रावधानों को समाप्‍त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले इलाके में रहने वाले लोगों ने भी किया है।

 

 

 

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पीओके में सक्रिय एक्टिविस्‍ट सेंगे एच सेरिंग ने कश्‍मीर पर भारत सरकार के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के गिलगित-बाल्टिस्‍तान क्षेत्र को भी संसद में प्रतिनिधित्‍व देना चाहिए, ताकि वह इस क्षेत्र पर अपनी दावेदारी को और मजबूत बना सके। उन्‍होंने कहा कि भारत को अपने संवैधानिक ढांचे में इस क्षेत्र को शामिल करना चाहिए और इसे संसद के दोनों सदनों- लोकसभा व राज्‍यसभा में प्रतिन‍िधित्‍व देना चाहिए।

 

 

 

 

सेरिंग ने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पीओके जम्‍मू-कश्‍मीर का अभिन्‍न अंग है। हमारा मानना है कि गिलगित-ब‍ाल्टिस्‍तान जम्‍मू एवं कश्‍मीर का अभिन्‍न अंग है। हम लद्दाख का ही विस्‍तृत क्षेत्र हैं और हमें भारतीय संविधान के ढांचे में प्रतिनिधित्‍व मिलना चाहिए।’

 

 

देखें वीडियो-

 

गौरतलब है कि जम्‍मू एवं कश्‍मीर जब अलग राज्‍य था, तब यहां की विधानसभा में भी पीओके क्षेत्र के लोगों के प्रतिनिधित्‍व के लिए अलग से 24 सीटें आरक्षित थीं। हालांकि आधिकारिक तौर पर ये सीटें खाली रही हैं और विधानसभा की कोरम पूर्ति में इन्‍हें नहीं गिना जाता। अब जबकि जम्‍मू-कश्‍मीर को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है तो भी यहां की विधानसभा में पीओके क्षेत्र के लोगों के लिए सीटें आरक्षित रखी गई हैं।

 

 

पीओके में सक्रिय कार्यकर्ता का यह बयान इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि मंगलवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान भी केंद्रीय गृह मंत्री अम‍ित शाह ने कहा कि पीओके के साथ-साथ अक्‍साई चिन भी जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा है। उन्‍होंने यहां तक कहा, ‘जान दे देंगे इसके लिए।’ चर्चा के दौरान उन्‍होंने साफ तौर पर कहा था, ‘कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है और इसमें कोई संदेह नहीं है। जब मैं जम्‍मू एवं कश्‍मीर की बात करता हूं तो इसमें पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाला कश्‍मीर और अक्‍साई चिन भी शामिल होता है। ये दोनों जम्‍मू-कश्‍मीर के भू-भाग के भीतर हैं।’

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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