बोकारो को एक और तोहफा: बीपी का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का हुआ शिलान्यास (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: रविवार को झारखण्ड के बोकारो जिला में एक और विकास की गाथा लिखी गई। दरअसल यहाँ भारत पेट्रोलियम के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट एवं पी. ओ. एल. टर्मिनल का शिलान्यास किया गया। इस दौरान झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, देश के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद पशुपति नाथ सिंह, झारखण्ड के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी एवं स्थानीय विधायक बिरंची नारायण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

 

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देश के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 2030 तक इस्पात की होने वाली लगभग 300 मिलियन टन की मांग को पूरा करने के लिए देश में मौजूदा पुराने कल-कारखानो को आधुनिक बनाकर उनका उत्पादन क्षमता बढ़ायी जाएगी और अन्य मांग के लिए नये कारखाने लगाने का काम भी किया जायेगा। इसी क्रम में मंत्री ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट की मौजूदा उत्पादन को 46 लाख टन से बढ़ाकर इसकी क्षमता को 10 मिलियन टन करने की योजना है।

 

देखें वीडियो-

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बोकारो से बतौर इस्पात मंत्री उन्होंने अपना दौरा शुरू किया है और उनकी कोशिश है कि वे इस्पात उ़द्योग को समझ कर उन्हें आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार कर सकें। बोकारो के विस्थापितों की 50 साल से ज्यादा पुरानी समस्या पर चर्चा किए जाने पर मंत्री ने कहा कि वे समस्या पर गंभीरता गौर करेंगे।

 

 

वही झारखंड के सीएम रघुवर दास ने कहा कि इस एलपीजी प्लान्ट के खुलने से यहाॅ तिन सौ करोड से भी ज्यादा का निवेश होगा साथ एक हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सारकार ने जो एमओयू बोकारो मे किया था उसमे से एक साकार होता नजर आ रहा है। साथ ही उन्होने कहा कि रक्षा बंधन के दिन बहनो को गैस सिलेन्डर के रूप में एक उपहार भी मिलेगा।

 

 

 

हम अगर एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की अगर बात करे तो इसकी क्षमता 60 हजार मेट्रिक टन बॉटलिंग प्रति वर्ष होगी। इसकी 9 सौ मेट्रिक टन की भण्डारण की क्षमता होगी। इस परियोजना में लगभग 93 करोड़ रूपये खर्च होने की उम्मीद है। यह परियोजना 2020 तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है।

 

 

वहीं अगर हम पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स टर्मिनल की बात करे तो इसकी प्रति वर्ष उत्पादन हैंडलिंग क्षमता 6 लाख मेट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। साथ ही इसका 27 हजार किलो लीटर भण्डारण की भी क्षमता होगी। इस परियोजना की लागत 2 सौ 48 करोड़ रूपये है। यह परियोजना सितम्बर 2021 तक पूर्ण होने की उम्मीद है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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