आसनसोल के तृणमूल पार्षद को बाइक सवारों ने चार गोली मारी, मौके पर मौत

AJ डेस्क: शनिवार की रात आसनसोल के तृणमूल पार्षद खालिद खान की उनके ही घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके भाई ने अपने तीन चचेरे भाइयों जो पार्टी के युवा विंग के कार्यकर्ता हैं को दोषी ठहराया है। वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो 35 वर्षीय खालिद खान झारखंड की सीमा के पास बाराकर गांव में अपने घर के करीब 11.45 बजे टहल रहा था, तभी एक बाइक पर सवार होकर पहुंचे तीन अपराधियों ने उसे गोली मार कर फरार हो गए। खालिद के साथ उसकी पत्नी रजिया और उसका एक चार साल की बेटी और एक 11 महीने का बेटा साथ रहते थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘उन्होंने पहले खालिद के बाएं पैर में गोली मारी और जब वह जमीन पर गिरा, तो उन्होंने उसकी गर्दन, कमर और दाहिने पैर में तीन गोलियां दाग दीं।

 

 

 

 

जानकारी के अनुसार तृणमूल कार्यकर्ता खालिद के छोटे भाई अरमान खान गोलियों की आवाज सुनकर अपने घर से भाग कर वहां आया और देखा कि हत्यारे झारखंड के धनबाद की ओर भाग रहे हैं। अरमान ने कहा, ‘मैंने देखा कि मेरे भाई पर अपराधियों ने बार-बार गोलियां चलाई।’ उन्होंने बताया कि चचेरे भाइयों में से एक, शेख टिंकू खान को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद यह कांड हुआ। घटना के बाद तृणमूल के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कुमार तिवारी, आसनसोल के महापौर और पश्चिम बर्दवान के पार्टी प्रमुख ने रविवार तड़के अस्पताल का दौरा किया। हालांकि, उन्होंने किसी को दोषी नहीं ठहराया।

 

 

तिवारी ने कहा, ‘उनके परिवार के सदस्यों ने शिकायत दर्ज की है और पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है। घटना के बाद तृणमूल सरकार ने उनके परिजन को एक नौकरी और परिवार के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे देने की घोषणा किया है।’ खालिद के भाई अरमान ने कहा कि तीन चचेरे भाई सक्रिय तृणमूल युवा कार्यकर्ता थे और उन्होंने दावा किया कि उन्होंने चार साल पहले इसी तरह से पार्षद की हत्या का प्रयास किया था। पुलिस ने टिंकू को गिरफ्तार भी किया था, जो अब तक उस मामले में जमानत पर था।

 

 

 

 

अतिरिक्त डीसीपी अनामिता दास ने बताया कि इस समय एफआईआर में नामजद दो अन्य चचेरे भाई शेख कादर और शेख साहिद फरार हैं। हम बाकी आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। इस जघन्य अपराध के खिलाफ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और खालिद के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। वहीं मौके पर पहुंचे स्थानीय तृणमूल विधायक उज्जल चटर्जी द्वारा गिरफ्तारी के बाद कथित हत्यारों को पार्टी से निष्कासित करने का वादा करने के बाद नाकाबंदी वापस ले ली गई।

 

 

 

 

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