नेशनल गेम घोटाला: पूर्व खेल मंत्री सह झाविमो नेता बन्धु तिर्की गिरफ्तार (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आज झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के बडे नेता और झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की को बड़े ही नाटकीय ढंग से रांची सिविल कोर्ट के सामने से गिरफ्तार कर लिया। बंधु तिर्की 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपी हैं। वहीं गिरफ्तारी के दौरान पूर्व मंत्री बंधू तिर्की ने इस कार्रवाई को साजिश करार दिया।

 

 

 

गिरफ़्तारी के दौरान पूर्व मंत्री बंधू तिर्की गिरफ्तार करने आए अधिकारियों पर काफी भड़के हुए नजर आए। वहीं उन्होंने जाते-जाते कहा- ‘यह सरकार की साजिश है। इस मामले का कोई साक्ष्य नहीं है। यहाँ तक की इनके पास गिरफ्तारी का वारेंट तक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका जवाब जनता देगी।

 

देखें वीडियो-

 

 

बता दें कि राष्ट्रीय खेल घोटाले में एसएम हासमी और पीसी मिश्रा के बाद यह तीसरी गिरफ्तारी है। इस मामले के एक अन्य आरोपी मधुकांत पाठक ने आत्मसमर्पण किया था। बताया जाता है कि 2007 के राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी रांची को मिली थी। आठ-नौ बार तारीखों में बदलाव के बाद अंततः 12 से 26 फरवरी 2011 तक भव्य आयोजन हुआ।

 

 

2008 से 2013-14 तक विभिन्न टेंडरों में हेराफेरी, जरूरत से ज्यादा सामान की खरीद, एल-1 की बजाय दूसरों को ठेका देना, मनमर्जी नामांकन के आधार पर ठेका देना जैसी प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितता के कारण राज्य सरकार को लगभग 28 करोड रुपये की क्षति (पीएजी की रिपोर्ट व अन्य रिपोर्टों के अनुसार) हुई थी। जिसके बाद से इस घोटाले की जांच एसीबी बीते नौ वर्षों से कर रही है। इसके साथ ही टेंडर कमेटी के चार अन्य सदस्यों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। बताया जाता है कि बंधु तिर्की खेल घोटाला मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त हैं।

 

 

 

 

बंधु तिर्की पर धनबाद में भी दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप हैं। बताया जाता है कि स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गयी थी। कंपनी ने 1 करोड़ 44 लाख 32 हजार 8 सौ 50 रुपये का एस्टीमेट दिया था। आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद इस प्रस्ताव की फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गई थी।

 

 

बताया जा रहा है कि इस मामले पर अब एकबार फिर झारखंड की राजनीति तेज होने की प्रबल संभावना है। सरकार द्वारा एसीबी को जांच की हरी झंडी मिलने के बाद एसीबी ने आज उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है।

 

 

 

 

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