देश के नामी वकील, सांसद, पूर्व मंत्री एवम जुझारू व्यक्तित्व के धनी “राम जेठमलानी” अब नहीं रहे

AJ डेस्क: मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद जेठमलानी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राम जेठमलानी देश के कानून, न्‍याय और कंपनी अफेयर मंत्री रहे थे। जेठमलानी की गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती थी। वह आरजेडी से पहले भाजपा की तरफ से राज्यसभा सांसद रह चुके थे।

 

 

 

 

जेठमलानी छठी और 7वीं लोक सभा में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते। अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाने वाले जेठमलानी को बाद में किसी विवादास्पद बयान के चलते भाजपा ने पार्टी से बाहर कर दिया। फिर उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के ही खिलाफ 2004 का चुनाव लड़ा किन्तु हार गये। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। जेठमलानी की गिनती देश के सबसे महंगे वकीलों में होती थी।

 

 

 

राम जेठमलानी ने लगभग 7 दशक तक वकालत की। कई प्रमुख से लड़ने वाले जेठमलानी ने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर  जेसिका लाल मर्डर केस,  2जी स्कैम केस और  आसाराम का मामला, चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। इसके अलावा वह सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में अमित शाह की तरफ से भी पैरवी कर चुके हैं।

 

 

 

 

14 सितम्बर 1923 , सिंध अब पाकिस्तान में पैदा होने वाले जेठमलानी बंटवारे के समय भारत आ गए थे। 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास करने वाले जेठमलानी ने महज 17 साल की उम्र में ही उस समय वकालत (LLB) की डिग्री हासिल कर ली थी जब वाकलत करने के लिए 21 साल की उम्र जरूरी थी। बाद में जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास इस उम्र सीमा को घटाकर 18 साल किया गया।

 

 

 

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