जिला एवम बैंक मोड़ चेम्बर में ठनी, संघ की हो रही सार्वजनिक किचकिच

AJ डेस्क: धनबाद का दो व्यवसायी वर्ग धनबाद जिला चेंबर और बैंक मोड़ चेंबर के बीच सह और मात का जंग चल रहा है। बैंक मोड़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने धनबाद जिला चेंबर के पदाधिकारियों पर वादा खिलाफी और हिसाब-किताब नहीं देने का आरोप लगा जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष और महासचिव पद पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है तो वहीं जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने एक आपात बैठक कर बैंक मोड़ चेंबर को निष्कासित करने का फरमान जारी कर दिया है। जिससे जुबानी जंग और तेज हो गई है।

 

 

 

 

दरअसल हुआ ये की बैंक मोड़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों पर वादा खिलाफी करने, सालाना आम बैठक न करने और उसका लेखा जोखा न देने का आरोप लगाते हुए जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स में होने वाले आगामी चुनाव में अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए दावा ठोक दिया। जिसके बाद धनबाद जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश गुप्ता की अध्यक्षता में जिला चेंबर की एक आपात बैठक बुला एक फरमान जारी किया गया। जिसके अनुसार बैंक मोड़ जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स को न सिर्फ निष्कासित करने का आदेश सुना दिया गया बल्कि इसे किसी भी बैठक में शामिल न करने का भी आदेश सुना दिया गया।

 

 

इसके बाद तो मानों भूचाल आ गया। हर तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जिला चेंबर के संस्थापक सदस्य व बैंक मोड़ चेंबर के उपाध्यक्ष सुरेंद्र अरोड़ा ने जिला चेंबर के इस निर्णय को गलत करार देते हुए कहा है कि ये सारा विवाद जिला चेंबर द्वारा नियमो का पालन नहीं करने की वजह से उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि नियम अनुसार हर वर्ष समय पर जिला चेंबर आम सभा कर पूर्व वर्ष का लेखा-जोखा देने का साथ आगे की रणनीतियों पर चर्चा हुआ होता तो ये दिन न देखना पड़ता। लेकिन जिला चेंबर के पदाधिकारियों द्वारा नियमो की अन्देखी की गई और इस विवाद को उन्होंने खुद पैदा किया।

 

 

इसके साथ ही बैंक मोड़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रभात सिरोलिया ने कहा कि जिला चेंबर के पदाधिकारियों के पास किसी बैंक मोड़ चेंबर को निष्कासित करने का पावर नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अपनी गलतियों को छिपाने के लिए जल्द-बाजी में जिला चेंबर द्वारा लिया गया एक बचकाना निर्णय है। जिसका हम विरोध करते है। उन्होंने कहा कि यदि जिला चेंबर के पदाधिकारियों पर लेखा जोखा न देने, व्यवसायी वर्ग के लिए कार्य न करने और खुद को पद पर बनाए रखने का जो आरोप लगा है यादि उसमें गलतियां है तो जिला चेंबर के पदाधिकारी सामने बैठ कर उसका जवाब क्यों नहीं दे रहे। उन्होंने जिला चेंबर के अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो सारा पैसा ख़त्म होने की बात कह चुनाव टालना चाहते है ताकि वो पद पर बिना चुनाव के ही लंबे समय तक बने रह सके।

 

 

वहीं धनबाद जिला चेंबर ऑफ़ कॉमर्स अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि अब इस मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया मीडिया में नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा जो निर्णय जिला चेंबर द्वारा लिया गया है वह उचित है और उसे सभी को मानना ही होगा।

 

 

 

 

इन सब के बीच पुराना बाजार चेंबर के सचिव अजय लाल ने जिला चेंबर के पदाधिकारियों निशाना साधते हुए कहा कि संगठन जोड़ने के लिए होता है न की तोड़ने के लिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई मतभेद है तो उसपे बैठक कर सभी की सहमति से उसे सुलझाने का कार्य होना चाहिए न की उसे और बिगाड़ने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला चेंबर के अध्यक्ष के इस फरमान से दुकानदारों को आहत पहुंचा है। हम इस लड़ाई में बैंक मोड़ चेंबर के साथ है।

 

 

जिला चेंबर और बैंक मोड़ चेंबर के बीच जारी इस तनातनी ने संगठन के भीतर पक रही काली दाल को सब के सामने तो परोस ही दिया है। इस दाल को पचाने के लिए जमकर गुटबाजी भी होती दिख रही है।

 

 

 

 

 

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