तीन तलाक: कागज के टुकड़े पर जिंदगी तबाह, ताजमुन को चाहिए न्याय
AJ डेस्क: ताजमुन निशा, यही नाम है इस युवती का। 22 वर्षीय ताजमुन 2017-2018 वर्ष की एसएसएलएनटी महिला महाविद्यालय की बीएससी मैथ ऑनर्स में टॉप की स्टूडेंट थी। लेकिन आज इसके हाथों में डिग्री के वजाए तलाकनामा है। जी हां, तीन तलाक वाला तलाकनामा। जिसे इसके पति ने शादी के महज छह महीने बाद ही भारतीय डाक के द्वारा इसके मायके भेज इसे दर-दर की ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया है। मामला झारखण्ड के धनबाद स्थित महुदा भाटडीह ओपी का है।
वैसे तो नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में तीन तलाक के खिलाफ कड़े कानून लागू किए है लेकिन आज भी यह सदियों पुरानी कुप्रथा कई युवतियों की जिंदगी जहनुम बना रही है। उन्ही युवतियों में से एक है ताजमुन निशा। पुटकी थाना क्षेत्र के मुनीडीह स्थित लालपुर गरबुडीह निवासी ताजमुन का निकाह 15 दिसंबर 2018 को तोपचांची के कबीरडीह सिमरियाटांड के शाहनवाज अंसारी के साथ पूरे मुस्लिम रीति रिवाज के साथ हुआ था। ताजमुन के पिता ने अपने दामाद को दहेज़ स्वरूप 2 लाख रुपया, एक ग्लैमर बाइक, 1 लाख 24 हजार रूपये का गहना और घर का सारा सामान दिया था। लेकिन निकाह के एक महीने बाद ही ताजमुन के ससुराल वालों का दहेज़ दानव वाला चेहरा सामने आ गया।
यातनाएं, प्रताड़ना तो ताजमुन के लिए एक रोजमर्रा की बात हो चुकी थी लेकिन एक बार तो ताजमुन को उसके ससुराल वालों ने उसे जहर देकर भी मारना चाहा पर ताजमुन के नसीब में मौत की जगह दर-दर की ठोकरे लिखी थी। सो वो बच गई। इसके बाद ताजमुन को उसके ससुराल से बेदखल कर दिया गया। ताजमुन ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई लेकिन उसे कुछ हासिल नहीं हुआ।
ताजमुन निशा किसी तरह अपने शौहर से दूर अपने मायके में अपना दिन गुजार रही थी। तभी 17 जून 2019 को उसके घर पोस्ट से एक चिट्ठी आया। जब घर वालों ने उसे खोल कर पढ़ा तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। दरअसल वो चिट्ठी एक तलाकनामा था, जो ताजमुन के शौहर शाहनवाज ने उसे भेजा था। उसमें लिखा था- ‘मैं शाहनवाज अंसारी उम्र करीब 28 वर्ष पिता – नौसाद मियां, साकिम – कबीरडीह, सिमरियाटांड़, पो. – ब्राहमणडीह, थाना – तोपचांची, जिला – धनबाद का रहने वाला हूँ। आज दिनांक 17/06/2019 को नीचे हस्ताक्षरित गवाहों के उपस्थित मैं पुरे होशो-हवास के साथ अपनी पत्नी ताजमुन निशा, पिता – यासिन मियां, साकिम – गरबुडीह, पो. – लालपुर, थाना- मुनीडीह, जिला – धनबाद को तलाक…….., तलाक………, तलाक…….. तीन तलाक लिखित रूप से दिया। नीचे दो गवाह और ताजमुन के पति शहनवाज का हस्तक्षर था।
तलाकनामा-
दहेज़ प्रताड़ना में न्याय पाने में असफल रही ताजमुन निशा अपने पिता के साथ एक बार फिर न्याय की गुहार पुलिस थाने में लगाती है लेकिन ताजमुन को अभी तक इस दिशा में न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। आज ताजमुन निशा ने मीडिया से बात करते हुए कहा- ‘देश के पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून तो लागु कर दिया लेकिन उस कानून को तमिल कराने की जिम्मेवारी जिनके कंधों पर है उन्हें शायद पीएम मोदी इसके प्रति जागरूक करना भूल गए। तभी तो आज तीन तलाक के इस कागज के टुकड़े को लेकर मैं दर-दर की ठोकरे खा रही हूँ और वो जिसने मेरा सबकुछ मुझसे छीन लिया वो चैन की नींद सो रहा है। आखिर कोई कैसे एक कागज़ के टुकड़े पर तीन तलाक लिख अपनी पत्नी को जिंदगी भर के लिए जहनुम की आग में झोंक सकता है।’
वहीं धनबाद के ग्रामीण एसपी अमन कुमार ने इस मामले पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में पहले दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद तीन तलाक का मामला आया है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जाँच कर रही है। दोषी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।
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