झारखण्ड में आफत की बारिश: पुल बहा, मकान गिरा, गाँव डूबा और जानें भी गयीं (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: झारखण्ड में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश अब आफत बन कर लोगों पर टूटने लगी है। घरों, बस्तियों में पानी घुसने से कई इलाकों में बाढ़ सा नजारा है। कही पुल टूट रहे है तो कही बांधो से लाखों लीटर पानी छोड़ा जा रहा है। कही घर ढह रही है तो कही लोग उफनती बाढ़ में जान जोखिम में डालने को विवस है। वहीं कुदरत के इस कहर से अबतक कई लोगों की जाने भी जा चुकी है। इस आफत की बारिश के धनबाद, बोकारो, पाकुड़ और दुमका से आई दृश्यों को देख आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

 

 

 

 

सबसे पहले बात पाकुड़ की। लगातार बारिश से जिले के पाकुड़ सदर प्रखंड के अलावा हिरणपुर, महेशपुर व पाकुड़िया प्रखंड के कई दर्जन गाँवों के लोग बाढ़ व भारी जल जमाव से बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। खासकर सदर प्रखंड के तकरीबन चार दर्जन गाँव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहाँ इलामी गांव के लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए ग्रामीणों ने एक रेस्क्यू चलाया। जिसमें दर्जनों लोगों को बढ़ा से निकाल सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इस रेस्क्यू के दृश्यों को आप भी यहाँ देख सकते है।

 

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दूसरा दृश्य भी पाकुड़ से ही है। यहाँ मुख्यमंत्री ग्रामसेतु योजना के तहत 5 करोड़ 98 लाख रुपये से बांसलोई नदी पर बनाया गया चंडाल मारा घाट चोरा पुल सोमवार को बीच से टूटकर नदी में गिर गया। इससे घाट चोरा चंडाल मारा सहित दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है। लोग दूसरे रास्ते के सहारे लंबी दूरी तय करके प्रखंड मुख्यालय से गांव तक आना जाना कर रहे हैं। इस पुल का निर्माण साल 2015 में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा कराया गया था। सोमवार सुबह नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि 252.32 मीटर लंबे इस पुल का फाउंडेशन फेलियर हो गया और सबसे पहले इसका एक ऊपरी हिस्सा टूटकर बांसलोई नदी के जलस्तर में समा गया। इसके थोड़ी ही देर बाद इसका दूसरा हिस्सा भी टूटकर गिर पड़ा। के अचानक टूटकर पानी में धंस जाने से जानमाल की क्षति नहीं हुई है। प्रशासन आसपास के लोगों को नदी और पुल के किनारे नहीं जाने की सलाह दे रहा है।

 

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अब बात दुमका की। रविवार देर रात जिले के जामा प्रखंड के आमझाड़ गांव में लगातार हो रही बारिश से एक घर की दीवार गिर गई, जिसमें एक ही परिवार के 3 लोगों की दबने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने सभी मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मरने वालों में लुखु मरांडी, लुखी मुर्मू और आमडर हेम्ब्रम के नाम शामिल हैं। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही दुमका सांसद सुनील सोरेन घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को आपदा राहत कोष से मदद देने का आश्वासन दिया।

 

 

 

 

अब हम आपकों बोकारो का नजारा दिखाते हैं। यहाँ भी इंद्र देव की बेरुखी के कारण लोगों जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग घरों में दुबके हुवे। बोकारो स्टील सिटी के कई सेक्टर के आवासों में 3 से चार फीट पानी घर के अन्दर घुस गया है। स्कूल कैम्पस तलाब में तब्दील हो गया है। लोग अपना आवास छोड़ उचे स्थानों पर चले गए है। घरो में रखे लाखो रुपये के समान पूरी रूप से बर्बाद हो गया है।

 

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अब हम आपकों धनबाद स्थित मैथन और पंचेत डैम का नजारा दिखाते हैं। झारखंड में हो रही भारी बारिश का कुप्रभाव दिखने लगा है। बराकर नदी उफान पर है। इस पर बने मैथन डैम पानी से भर गया है। पानी खतरे के निशान के नजदीक बह रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने दामोदर घाटी निगम (DVC) को मैथन डैम से 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। केंद्रीय जल आयोग के निर्देश के बाद पानी छोड़ने के लिए डैम के नाै फाटक खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही पंचेत डैम का भी बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यहाँ का भी फाटक खोल दिया गया है। जिससे हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ पानी छोड़े जाने के कारण झारखंड के जामताड़ा जिले और प. बंगाल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसे देखते हुए केंद्रीय जल आयोग ने जामताड़ा जिला प्रशासन और पं. बंगाल सरकार को हाई अलर्ट कर दिया है। वहीं डीवीसी के पंचेत डैम से भी प. बंगाल की तरफ पानी छोड़ा जा रहा है। इससे प. बंगाल में बहने वाली नदियां भी उफनने लगी है।

 

देखें विडीयो-

 

 

 

 

 

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