अयोध्या पर SC का ऐतिहासिक फैसला, मस्जिद अलग बनेगा, विवादित भूमि रामलला को

AJ डेस्क: अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला को देने का आदेश दिया है, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग से 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो 3 महीने में मंदिर बनाने की व्यवस्था करे। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने का आदेश दिया गया था।

 

 

यहाँ देखें कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की पल-पल की रिपोर्ट-

10:33 AM :  अयोध्या पर फैसला आना शुरू। शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज। सर्वसम्मति से लिया फैसला। CJI पढ़ रहे हैं फैसला। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, ‘हमने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शिया वक्फ बोर्ड द्वारा दायर विशेष अवकाश याचिका (SLP) को खारिज कर दिया है।’

 

 

10:37 AM : भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद का निर्माण मीर बाकी ने किया था। न्यायालय के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में आना अनुचित है।’

 

 

10:40 AM : निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज। निर्मोही अखाड़ा सेवादार भी नहीं है। निर्मोही अखाड़ा ने देरी से याचिका खारिज की।

 

 

10:42 AM : भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसले को पढ़ते हुए कहा: इस न्यायालय को विश्वास को स्वीकार करना चाहिए और उपासकों के विश्वास को स्वीकार करना चाहिए। कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए।

 

 

10:44 AM : CJI ने कहा, ‘ASI की रिपोर्ट खारिज नहीं कर सकते। ढांचे के नीचे मंदिर के सबूत मिले। ढांचे के नीचे गैर इस्लामिक ढांचा था। एएसआई की रिपोर्ट ने हालांकि इसका जवाब नहीं दिया कि क्या हिंदू मंदिर को ध्वस्त किया गया है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग संदेह से परे है और इसके निष्कर्षों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है।’

 

 

10:48 AM : अयोध्या राम की जन्मभूमि इस पर सवाल नहीं। इसका किसी ने विरोध नहीं किया। हिंदू आस्था गलत होने के प्रमाण नहीं। हिंदू अयोध्या को भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं, उनकी धार्मिक भावनाएं हैं, मुसलमान इसे बाबरी मस्जिद कहते हैं। हिंदुओं का विश्वास है कि भगवान राम का जन्म निर्विवाद रूप से यहां हुआ था। हिंदुओं की आस्था और विश्वास है कि भगवान राम का जन्म गुंबद के नीचे हुआ था।

 

 

10:54 AM : दिसंबर 22-23, 1949 में केंद्रीय गुंबद के अंदर मूर्तियों को रखने को सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा चुनौती दी गई। SC का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का मुकदमा बरकरार है।

 

 

10:56 AM : मुसलमानों द्वारा नियमित शुक्रवार नमाज का सबूत। 1856 तक लगातार नमाज का कोई सबूत नहीं।

 

 

11:00 AM : इस बात के प्रमाण हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले राम चबूतरा, सीता रसोई की पूजा हिंदुओं द्वारा की जाती थी। बाहरी चबूतरे पर भी हिंदुओं का कब्जा था।

 

 

11:03 AM : 1949 में मूर्तियों को रखकर मस्जिद का विध्वंस करना कानून के विपरीत है।

 

 

11:05 AM : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित जमीन के 3 हिस्से किए, ये तार्किक नहीं है। SC का कहना है कि विवादित स्थल को तीन भागों में विभाजित करने में इलाहाबाद हाई कोर्ट गलत था। मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन देने का आदेश। केंद्र सरकार 3 महीने में स्कीम बनाए।

 

 

11:10 AM : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित भूमि राम लला को देनी चाहिए। साथ ही मुस्लिम पक्ष को अलग से जमीन मिलनी चाहिए। सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और 5 एकड़ जमीन मिलेगा।

 

 

11:16 AM :  राम मंदिर के लिए केंद्र 3 महीने में ट्रस्ट बनाएगा।

 

 

 

 

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी अपने फेसबुक पेज के ऊपर SEARCH में जाए और TYPE करें analjyoti.com और LIKE का बटन दबाए…

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »