“रागिनी” रिकॉर्ड मतों से जीतेंगी- कहने वाले संजीव का नामांकन ख़ारिज

AJ डेस्क: 27 नवम्बर, दिन बुधवार इसी दिन झरिया सीट से भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह और उनके पति संजीव सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर झरिया सीट से ही अपना नामांकन दाखिल किया था। मालूम हो की झरिया से भाजपा विधायक संजीव सिंह लगभग ढाई साल से धनबाद जेल में बंद है। उनके ऊपर धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर समेत चार लोगों की हत्या का मुकदमा चल रहा है। इसी वजह से भाजपा अलाकमान ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। उनके बदले भाजपा ने उनकी धर्मपत्नी रागिनी सिंह को झरिया सीट से ही अपना उम्मीदवार घोषित किया। बावजूद इसके संजीव सिंह शायद कोई रिश्क लेना नहीं चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने अदालत से अनुमति लेकर निर्दलीय नामांकन दर्ज करने का फैसला लिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने अलावा अपनी माता व पूर्व झरिया विधायक कुंती देवी के नाम से भी नामांकन फॉर्म ख़रीदा था।

 

 

लेकिन 27 तारीख यानि नामांकन के दिन जब संजीव सिंह नामांकन दाखिल करने धनबाद जेल से बाहर निकले तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने इस प्लान के संकेत दे दिए थे। जब मीडिया कर्मियों ने उनसे सवाल किया, आप खुद अपनी पत्नी के खिलाफ चुनावी मैदान में क्यों उतर आए है?’ इसपर विधायक संजीव सिंह ने जवाब दिया, ‘शिव पार्वती के बिना अधूरे है, शिव की शक्ति उनकी पत्नी पार्वती ही है, और मेरी शक्ति है मेरी पत्नी रागिनी, यदि मुझे पुनः इंशान के रूप में जन्म लेने का मौका मिला तो मैं भगवान से अपनी पत्नी के रूप में रागिनी को ही मांगूंगा, रही बात जीत की तो रागिनी रिकॉर्ड मतों से जीतने जा रही है।’

 

 

इसके कुछ समय पहले ही उनकी माता कुंती देवी जो नामांकन कार्यक्रम में रागिनी सिंह के साथ पहुंची थी उन्होंने ने भी चुनाव न लड़ के अपनी बहू रागिनी का समर्थन करने की बात कही थी। कम से कम यह बात तो साफ़ हो चुकी था की रागिनी को चुनाव में अब अपनी सास या पति का विरोध नहीं झेलना होगा। यदि उनका नामांकन पत्र ख़ारिज न हुआ होता तब भी।

 

 

 

 

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