ऐतिहासिक जीत: फॉलो ऑन मिलने के बावजूद झारखण्ड की टीम ने मैच जीता

AJ डेस्क: शुक्रवार को भारत के प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट ‘रणजी ट्रॉफी’ में वो हो गया जो उसके 85 सालों के इतिहास में नहीं हुआ। साल 1934 में शुरू हुई रणजी ट्रॉफी में देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद भी वो कमाल नहीं हो सका जो झारखंड ने कर दिखाया है। त्रिपुरा के खिलाफ खेले गए मैच में झारखंड ने फॉलोऑन मिलने के बावजूद जीत दर्ज कर ली। झारखंड के कप्तान सौरभ तिवारी ने कप्तानी पारी खेली और इशांक जग्गी के योगदान के साथ अपनी टीम को 54 रनों से ऐतिहासिक जीत दिला दी।

 

 

पहली पारी में बुरी हालत

इस मैच में झारखंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। अगरतला में खेले जा रहे इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी त्रिपुरा की टीम पहली पारी में 289 रनों पर सिमट गई। झारखंड की टीम जवाब देने उतरी तो उनकी हालत बेहद बुरी नजर आई। झारखंड की पूरी टीम कुल 43 ओवर के अंदर 136 रनों पर सिमट गई। उनकी टीम के 8 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सके।

 

 

त्रिपुरा ने फॉलोऑन खेलने पर किया मजबूर

त्रिपुरा ने मौका देखा और झारखंड को फॉलोऑन खिलाने का फैसला किया। उन्हें लगा कि झारखंड के बल्लेबाजों की हालत बेहद खराब है और वे जल्द ही सिमट जाएंगे लेकिन हुआ कुछ अनोखा ही। झारखंड की टीम एक समय 138 रन पर 5 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन मध्यक्रम में कप्तान सौरभ तिवारी और इशांक जग्गी कुछ और ही इरादा लेकर मैदान पर उतरे थे।

 

 

कप्तान और जग्गी ने कर दिया कमाल

एक तरफ विकेट गिर रहे थे और दूसरी तरफ सौरभ तिवारी और इशांक जग्गी ने अपनी मेहनत शुरू कर दी। सौरभ तिवारी ने 190 गेंदों पर नाबाद 122 रनों की पारी खेली जिसमें 8 चौके शामिल थे जबकि इशांक जग्गी ने 207 गेंदों में नाबाद 107 रनों की पारी खेल डाली जिसमें 9 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इन दो बल्लेबाजों ने हालात पलटकर रख दिए और 8 विकेट पर 418 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। अब त्रिपुरा पर दांव उल्टा पड़ चुका था और उनके सामने 266 रनों का लक्ष्य था।

 

 

…और रचा गया इतिहास

मैच के चौथे दिन दूसरी पारी में त्रिपुरा की टीम 64.4 ओवर में कुल 211 रनों पर ही सिमट गई और उन्होंने विरोधी टीम को फॉलोऑन खिलाने के बावजूद 54 रनों से मैच गंवा दिया। इस दौरान त्रिपुरा के निचले क्रम के बल्लेाबज मुरासिंह ने शानदारा शतकीय पारी (103) भी खेली लेकिन उनके अलावा अन्य कोई भी बल्लेबाज नहीं चला। उनके 7 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके और रणजी ट्रॉफी इतिहास में पहली बार किसी टीम ने फॉलोऑन खेलने के बावजूद जीत दर्ज कर ली। दूसरी पारी के हीरो बने झारखंड के गेंदबाज आशीष कुमार जिन्होंने 67 रन देकर 5 विकेट झटके। कप्तान सौरभ तिवारी को पहली पारी में जूझारी बल्लेबाजी करने के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब दिया गया।

 

 

 

 

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