चतरा में दरिंदगी: दो नाबालिग की हत्या के बाद जनाक्रोश भड़का, बवाल
AJ डेस्क: झारखंड के चतरा जिला स्थित पिपरवार इलाके में 10 और 12 साल की दो बच्चियों के साथ दरिंदगी करने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है। वहीं इस मामले में एक आठ साल का बच्चा भी गंभीर रूप से घायल है। जिसे इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस मामले में गांव के ही सोनू मोची को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ यौन शोषण और हत्या का मामला दर्ज कराया गया है। वहीं दूसरी ओर लोग इस घटना से आक्रोशित हो न्याय के लिए आंदोलन कर रहे है।
जानकारी के अनुसार तीनों बच्चों को सोनू बुधवार दोपहर को फल खिलाने की बात कहकर जंगल ले गया था। जब वह शाम तक नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने भी रातभर बच्चों को तलाशा। गुरुवार तड़के बच्चे की आवाज सुनकर मां और अन्य लोग वहां पहुंचे तो उन्हें खून से लथपथ पाया। ग्रामीणों को गुरुवार दोपहर दोनों बच्चियां भी गंभीर हालत में जंगल में मिलीं। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने एक बच्ची को मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरी बच्ची को घायल लड़के के साथ रिम्स रेफर किया गया लेकिन बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
रिम्स में भर्ती घायल बच्चे ने बताया कि सोनू फल खिलाने की बात कहकर पहले बहन और उसकी सहेली को जंगल ले गया था। कुछ देर बाद वह मुझे भी ले गया। जब मुझे वहां बहन दिखाई नहीं दी तो मैंने उससे उनके बारे में पूछा। इसपर उसने मेरी पिटाई करनी शुरू कर दी। जबरदस्ती खींचते हुए मुझे कुछ दूर तक लेकर गया और पत्थर से सिर पर हमला कर दिया। इसके बाद शर्ट से मेरे हाथ बांध दिए और गर्दन को पेड़ में फंसाकर वहां से भाग गया। सुबह जब मैंने आवाज लगाई तो मां और अन्य लोग वहां पर पहुंचे।
पुलिस ने आरोपी युवक की पहचान के लिए इलाजरत बच्चे को पांच युवकों की तस्वीर दिखाई। जिसमें से उसने सोनू को पहचान लिया और जंगल ले जाने की बात उसने पुलिस को बताई। पुलिस ने सोनू के मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की तो फोन बंद मिला। कुछ देर में जब फोन ऑन हुआ तो पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई। इसके बाद घेराबंदी कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे मामले पर एसडीपीओ आशुतोष कुमार सत्यम का कहना है कि इस घटना में सोनू के अलावा एक-दो युवक और हो सकते हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। दो दिन के अंदर मामले का खुलासा करके पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।
लोग आरोपी को जनता के हवाले करने की कर रहे मांग-
वहीं दूसरी ओर नाबालिग बेटियों को न्याय दिलाने के लिए आज पूरा पिपरवार सड़क पर उतर आया। लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हजारों महिलाएं सड़क पर उतरीं और दोनो बेटियों को न्याय देने की मांग की। लोगों ने ‘पुलिस प्रशासन हाय हाय’, ‘हत्यारों को फांसी दो’, ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाये। लोगों का गुस्सा इस कदर फूटा कि पूरा पिपरवार स्वत: बंद हो गया। लापता तीन बच्चों में से दो बच्चियों की मौत के बाद पिपरवार क्षेत्र के ग्रामीणों में उबाल है।
जानकारी के अनुसार आक्रोशित लोग एक साथ तीन जगहों पर आंदोलन कर रहे थे। भीड की एक टुकड़ी पिपरवार थाना के समक्ष नारेबाजी व पत्थरबाजी कर रही थी, तो दूसरी टुकड़ी घूम-घूम कर बाजार व दुकानें बंद करा रही थी। वहीं, तीसरी टुकड़ी बचरा और अस्पताल में जमी हुई थी। इसमें अधिकतर महिलाएं शामिल थीं। वहीं पुलिस द्वारा हंगामा कर रही भीड को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करने की घटना के बाद लोगों ने आरसीएम व बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई रोक दिया। चुनाव कार्य के लिए आए एक पुलिस की बस के शीशे भी तोड़ दिए।
इस दौरान टंडवा बीडीओ प्रताप टोप्पो व थाना प्रभारी भीड को समझाने का प्रयास करते देखे गए, लेकिन आक्रोशित भीड़ न्याय की मांग को लेकर रुक-रुक कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करती रही। लोग दोषी को जनता के हवाले करने की मांग कर रहे थे। वहीं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने थाना के बाहर अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया है।
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