जे एम एम और कांग्रेस मोदी को गाली देते देते देश का ही विरोध करने लगे- नरेन्द्र मोदी

AJ डेस्क: झारखंड के दुमका में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जेएमएम और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का कोई न रोडमैप है और न इरादा है और न कभी भूतकाल में कुछ किया है। अगर वो जानते है तो उनको एक ही बात का पता है, बीजेपी का विरोध करो, मोदी को गाली दो। बीजेपी का विरोध करते-करते इन लोगों को देश का विरोध करने की आदत हो गई है।

 

 

पीएम ने कहा कि हमारे देश की संसद ने नागरिकता कानून से जुड़ा एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। इस बदलााव के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो वहां कम संख्या में थे, जो अलग धर्म का पालन करते थे, इसलिए वहां उन पर जुल्म हुए। उनका वहां जीना मुश्किल हो गया। ये तीन देशों से हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध उनको वहां से अपना गांव, घर, परिवार सबकुछ छोड़कर भारत में भाग कर यहां शरणार्थी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

 

उनके जीवन को सुधारने के लिए, इन गरीबों को सम्मान मिले इसलिए भारत की दोनों सदनों में भारी बहुमत से इन गरीबों के लिए नागरिकता का निर्णय किया। कांग्रेस और उसके साथी तूफान खड़ा कर रहे हैं, उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं। ये जो आग लगा रहे हैं, ये कौन है उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है। देश का भला करने की, देश के लोगों का भला करने की इन लोगों से उम्मीद नहीं बची है। ये सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं।

 

 

मैं असम के भाइयों-बहनों का सर झूकाकर अभिनंदन करता हूं कि इन्होंने हिंसा करने वालों को अपने से अलग कर दिया है। शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात बता रहे हैं। देश का मान-सम्मान बढ़े ऐसा व्यवहार असम, नार्थ ईस्ट कर रहा है।

 

 

शहीदों की धरती को, राष्ट्रभक्तों को, वीरों को जन्म देने वाली वीर माताओं की धरती को मैं नमन करता हूं। बीते कुछ दिनों में मुझे झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में जनसभा करने का अवसर मिला है। मैं जहां भी जा रहा हूं वहां की जनसभा की पहले की रैली का रिकॉर्ड तोड़ देती है। यहां भी जहां तक नजर जाती है लोग ही लोग आशीर्वाद देने आए हैं।

 

 

ये जनसमर्थन दिखा रहा है कि भाजपा को, कमल के फूल को आपसभी का विशेषकर आदिवासियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। आपने समाचारों में देखा होगा कि देश की संसद ने अभी नागरिकता कानून से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण बदलाव किया है।  जिन लोगों पर आपने कभी भरोसा किया था, जिन्हें झारखंड के आदिवासियों ने मान-सम्मान दिया था, लेकिन उन्होंने खुद के लिए और परिवार के लिए बड़े-बड़े महल दिए और आपको भूल गए थे।

 

 

कल्पना कीजिए, अगर बाबा तिलका मांझी सिर्फ अपना हित ही सोचते तो क्या समाज के लिए इतना कुछ कर पाते? अगर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, सिर्फ अपना लाभ ही देखते तो क्या अंग्रेजों का मुकाबला कर पाते। ये तमाम सेनानी, ये तमाम शहीद, परिवार हित से ऊपर उठकर, समाज के हित में, राष्ट्र के हित में खड़े हुए।

 

भाजपा ऐसे ही संस्कारों को धारण करती है, उनको सम्मान देती है। पहले सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों तक सिमट कर रह जाते थे क्योंकि सरकार और जनता के बीच बहुत बड़ी खाई थी। ये खाई राजनीति की थी, अफसरशाही की थी, भ्रष्टाचार की थी, असंवेदनशीलता की थी। आपका ये सेवक इस खाई को पाटने में निरंतर जुटा है और इसमें अभूतपूर्व सफलता भी मिली है।

 

 

 

 

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