डी ए वी V/S रेलवे: लाठी चार्ज, सड़क जाम और स्कूल प्रबंधन की भूमिका की जाँच शुरू
AJ डेस्क: गुरुवार को रेलवे की सड़क निर्माण के विरोध में सड़क पर उतरे पुराना बाजार डीएवी स्कूल के छात्रों के मामले में जिला प्रशासन की जाँच शुरू हो गई है। जाँच में अबतक के आए परिणाम को देखें तो इस पूरे प्रकरण में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। जिसके परिणाम स्वरूप स्कूल की मान्यता तक रद्द करने की गुंजाइश पर धनबाद का शिक्षा विभाग विचार कर रही है।
कल आपने देखा और पढ़ा की कैसे धनबाद के पुराना बाजार स्थित डीएवी स्कूल के प्रबंधन के नेतृत्व में स्कूली छात्र सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, आगजनी और सड़क जाम जैसे उग्र प्रदर्शन में शामिल हुए थे। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि सुरक्षा बलों को सड़क जाम हटाने और स्कूली छात्र-छत्राओं को सड़क पर से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था। इस दौरान कई छात्राएं बेहोश होकर सड़क पर गिर भी गई थी। आज उसी मामले की जाँच करने जिला प्रशासन की एक टीम डीएवी स्कूल पहुंची थी।
इस टीम का नेतृत्व कर रहे धनबाद एसडीएम राज महेश्वरम के साथ डीएसई इंद्र भूषण सिंह और डीएसपी लॉ एंड ऑडर मुकेश कुमार मौजूद थे। स्कूल पहुंची जाँच टीम ने स्कूल के शिक्षकों, प्रिंसिपल, स्कूल प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों और छात्र-छत्राओं से भी बातचीत की। इस दौरान जाँच टीम ने वहाँ सड़क निर्माण के विरोध में धरने पर बैठे लोगों से भी बात किया। इस दौरान एसडीएम राज महेश्वरम ने कहा कि कल के विरोध प्रदर्शन मामले की जाँच चल रही है। इससे जुड़े सभी लोगों से जानकारी ली जा रही है। रेल प्रशासन से भी बात की जाएगी। लाठी चार्ज मामले की भी जाँच हो रही है। जाँच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पूरे मामले पर जाँच टीम में शामिल धनबाद के डीएसई इंद्र भूषण सिंह ने कहा, ‘कल हुए विरोध प्रदर्शन में छात्र-छात्राओं की मौजूदगी चिंता का विषय है। किसी भी विद्यालय को अपने छात्रों को इस तरह के प्रदर्शन में शामिल करना पूर्णतः वर्जित है। जाँच में अबतक जो निकल कर सामने आया है उसके हिसाब से स्कूल के छात्र और छात्राएं स्कूल प्रबंधन के शह पर ही कल के उस उग्र विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे।’
उन्होंने कहा, ‘लाठी चार्ज और उसमें घायल छात्र-छत्राओं की पूरी जिम्मेवारी स्कूल प्रबंधन की है। शख्त निर्देश है कि इस तरह के प्रदर्शन में विद्यालय के बच्चों को शामिल नहीं करना है। क्योंकि इस तरह के प्रदर्शन में जान माल की भी हानि हो सकती है। लाठी चार्ज के आरोपी कोई और नहीं बल्कि स्कूल प्रबंधन है। जांच चल रही है। यदि आरोप पूरी तरह शाबित होती है तो या तो स्कूल समिति को भंग कर नई समिति का गठन किया जाएगा या फिर स्कूल की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी।’
वहीं रेलवे द्वारा सड़क निर्माण कार्य के विरोध में स्कूल के सामने धरना पर बैठे लोगों ने कहा, ‘शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत ये कहा गया है कि जिस स्कूल का प्ले ग्राउंड नहीं होता उस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाती है। ये विद्यालय 1939 से यहाँ स्थापित है। इस स्कूल में करीब 1200 बच्चे पढ़ते हैं। रेलवे के डीपीआर में जो सड़क का नक्शा बना था सड़क उसी के अनुसार बनाने की हम मांग कर रहे हैं, लेकिन धनबाद रेल मंडल के डीआरएम और धनबाद के मेयर के बीच क्या वार्ता हुई, जिसके बाद रेल प्रशासन ने सड़क को स्कूल के बीच से बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। जिसका हम विरोध करते है।’
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