मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर रोक लगने से महातिर मोहम्मद तिलमिलाए

AJ डेस्क: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और कश्मीर पर भारत सरकार की आलोचना करने वाले मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पॉम ऑयल पर नई दिल्ली के बहिष्कार पर प्रतिक्रिया दी है। महातिर ने कहा है कि पॉम ऑयल की खरीद पर भारत के बहिष्कार के फैसले के खिलाफ वह जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकते। महातिर ने कहा कि मलेशिया काफी छोटा देश है और वह कारोबार में भारत का मुकाबला नहीं कर सकता।

 

 

मलेशिया के पश्चिम तट पर स्थित रिसॉर्ट द्वीप लंगकावी पर मलेशिया के पीएम ने कहा, ‘हम जवाबी कार्रवाई करने में बहुत छोटे हैं। हमें इससे निकलने के लिए कोई और तरीके देखने होंगे।’ बता दें कि भारत खाने योग्य पॉम ऑयल खरीदने वाला दुनिया का सबसे बड़े देश है। कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर महातिर के बयानों के बाद भारत ने पिछले महीने मलेशिया से पॉम ऑयल के आयात पर रोक लगा दी।

 

 

पिछले साल भारत ने मलेशिया से 4.4 मिलियन टन पॉम ऑयल की खरीदारी की। यह मलेशिया के पॉम ऑयल के कुल निर्यात का 24 प्रतिशत है। वहीं, मलेशिया से पॉम ऑयल की खरीदारी करने वाला चीन दूसरा सबसे बड़ा देश है। चीन ने पिछले साल मलेशिया से 2.4 मिलियन टन पॉम ऑयल की खरीदारी की जबकि पाकिस्तान इस ऑयल को खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। मलेशियाई पॉम ऑयल काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने पिछले साल 1.08 मिलियन टन पॉम ऑयल की खरीदारी की।

 

 

 

 

 

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