VIDEO- नेहरू के पत्र का जिक्र कर मोदी ने पूछा- क्या पंडित जी अलग हिन्दू राष्ट्र चाहते थे?
AJ डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आने वाले लोगों के बीच ‘हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम प्रवासियों’ को लेकर अंतर स्पष्ट किया था। पीएम मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का बचाव करते हुए यह बात कही।
पीएम मोदी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू द्वारा असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई को लिख गए पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने कहा था, ‘आपको हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम प्रवासियों के बीच हमें अंतर करना होगा और राष्ट्र को हिंदू शरणार्थियों की जिम्मेदारी लेनी होगी।’
मोदी ने नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आए हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।’ पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गांधी जी के साथ ही नेहरू जी की भावनाएं भी जुड़ी थी। सभी लोग इस तरह के कानून की बात कहते रहे हैं।
Nehru-Liaquat pact signed in 1950 protected religious minorities in Pakistan from discrimination.
Why did a secular and visionary leader like Nehru use the term 'religious minorities' and not ‘all minorities’?
CAA will not impact any Indian practicing any faith. #PMInLokSabha pic.twitter.com/3TEyXmkfJM
— BJP (@BJP4India) February 6, 2020
पीएम मोदी ने 1950 के नेहरू-लियाकत पैक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि ये दोनों देशों- भारत और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए किया गया। पंडित नेहरू खुद पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की रक्षा के पक्ष में थे, मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे? क्या वह हिंदू राष्ट्र चाहते थे? नेहरू जी इनते बड़े विचारक थे, फिर उन्होंने उस समय वहां के अल्पसंख्यकों की जगह, वहां के सारे नागरिक को समझौते में शामिल क्यों नहीं किया? जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी की भी थी।
देशभर में सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए पीएम मोदी ने कांग्रेस एवं वाम दलों पर लोगों को धरना स्थल पर उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविधान बचाने के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है और देश की चुप्पी कभी न कभी रंग लाएगी।
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