तमिलनाडु: कोयम्बटूर में धर्मांतरण कराने वाले सक्रिय, माहौल खराब

AJ डेस्क: तमिलनाडु के कोयंबटूर में बड़ी संख्या में धर्मांतरण की बात सामने आ रही है। धर्मांतरण करने वाले 400 से अधिक दलितों ने आरोप लगाया है कि वो वर्षों से जाति आधारित भेदभाव और अन्याय का सामना कर रहे हैं। अरुंधथियार समुदाय से संबंधित लोगों का दावा है कि वे हर दिन जाति आधारित भेदभाव का सामना कर रहे हैं और उन्हें अपने मृतकों को दफनाने के लिए रास्ता नहीं दिया जा रहा है।

 

 

बता दें कि 2 दिसंबर को  मेत्तुपलायम में एक दीवार गिरने की घटना में 17 दलितों मौत हो गई थी। दीवार इन लोगों पर टूट कर गिर गई थी, जिसे बाद उसे ‘अछूत दीवार’ कहा गया। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह एक जाति की दीवार थी जिसे दलितों को कॉलोनी के आसपास के क्षेत्र से दूर रखने के लिए बनाया गया था।

 

 

दलित समर्थक तमिल पुलिगल के महासचिव निलावेनील ने कहा कि उन्होंने अंबेडकर के शब्दों के अनुसार अपने सहयोगियों और प्रियजनों को इस्लाम कबूल करवाने का फैसला किया तांकि उन्हें जातिवाद के चंगुल से मुक्त कराया। निलावेनिल का दावा है कि लगभग 3000 लोग इस्लाम कबूल करने को तैयार हैं और अब तक 430 लोग कबूल कर चुके हैं।

 

 

इस्लाम कबूलने वाले कई लोगों का दावा है कि उनके साथ हर जगह भेदभाव किया जाता है और यहां तक कि उन्हें मंदिरों में भी प्रवेश करने नहीं दिया जाता है। इन लोगों का कहना है कि हम किसी भी मस्जिद में जा सकते हैं जबकि हिंदुओं में ऐसा हनीं होता है। कोयंबटूर में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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