रेलवे झारखण्ड को डंपिंग यार्ड न बनावे- हेमंत सोरेन
AJ डेस्क: रेलवे झारखंड को डंपिंग यार्ड ना बनाएं। देश में झारखंड एक ऐसा राज्य है जो रेलवे को संसाधनो से सबसे अधिक लाभ देता है, लेकिन रेलवे झारखण्ड वासियो के लिए अच्छा रेस्पॉन्स नहीं करती है। झारखंड के लोगों की सुविधा के अनुरूप ट्रेनों की संख्या नहीं है। जो ट्रेन हैं उनमें अधिकांश की गुणवत्ता बहुत खराब है। एसी कोच वाले ट्रेन में जो एसी लगे होते हैं, कई में उनकी भी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखण्ड मंत्रालय में दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक के साथ हुई बैठक में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुमका रांची ट्रेन और वनांचल एक्सप्रेस में एसी फर्स्ट और एसी टू के कम्पोजिट कोच लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी ट्रेनों में इस प्रकार की सुविधा दी जाए जिससे हर श्रेणियों में यात्रा करने वाले यात्री सुविधा के साथ यात्रा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) सिंगल एंटिटी में अर्थात केवल रेलवे या केवल राज्य सरकार बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा बराबर देखा जाता है कि रेलवे लाइन के उपर का पुल रेलवे बनाती है और एप्रोच रोड राज्य सरकार द्वारा बनाया जाता है। इससे पुल और एप्रोच रोड का एलाइनमेंट भी बहुत सुगम नहीं रह पाता है। उन्होंने कहा कि इससे इनका उपयोग करने वाली जनता परेशान होती है।
मुख्यमंत्री ने दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम संजय कुमार मोहंती से कहा कि रेलवे को झारखण्ड में डबल लाइन करने के लिए पेड़ो की कटाई करनी होगी। जिसके लिए अनुमति की आवश्यकता है। उन मामलों में एक साथ समेकित कर वो अपने प्रस्ताव बनाकर भेजें ताकि वन विभाग का क्लियरेन्स प्राप्त किया जा सके। अलग अलग टुकड़े में भेजने से काम के लम्बित होने की संभावना अधिक रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे अपनी योजनाएं ऐसी बनाये जिससे वन्य जीवों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। अंडरपास या कोई और जो बेहतर तरीका हो वो किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि विकास कभी भी वन और वन्य जीवों और जैव विविधता को नुकसान ना पहुंचाएं।
बैठक में रेलवे ने अपनी परियोजनाओं के संबंध में विभिन्न मामले रखे जिस पर मुख्य सचिव ने सभी मामलों में राज्य सरकार द्वारा ससमय की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।
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