डी वी सी का लोड शेडिंग: बिजली के लिए मचा हाहाकार, जब मर्जी काट रहा लाइन
AJ डेस्क: दामोदर घाटी निगम का झारखण्ड सरकार के यहां बकाया है लेकिन सरकार का अपने उपभोक्ताओं के यहां बकाया नही है। फिर भी उपभोक्ता ही बिजली संकट झेलने पर मजबूर है। यानि करे कोई भरे कोई। कोयलांचल में बिजली कब रहेगी, कब चली जाएगी, इसका गारंटी नही है। विभाग के सूत्र बताते हैं यह डी वी सी के लोड शेडिंग के कारण संकट की स्थिति उतपन्न हुई है।
भाईचारे का पर्व होली के दिन भी डी वी सी लोड शेडिंग से बाज नही आया। पर्व के दिन तो कम से कम बकाया वसूली की बात छोड़ डी वी सी को बिजली देना चाहिए था। सोमवार को दिन भर बिजली की आँख मिचौली जारी थी। शाम होते ही बिजली गुल। घण्टों बाद बिजली रानी ने दर्शन दिया भी तो दो ढाई घण्टे के लिए। इसके बाद फिर बिजली गुल। अँधेरे में ही लोग खा पीकर सोने चले गए। सुबह जब लोगों की नींद खुली तो बिजली पुनः गुल थी। मंगलवार को भी यही स्थिती रही। हालाँकि विभाग का कहना है कि मंगलवार के अहले सुबह साढ़े तीन बजे डी वी सी ने तीन घण्टे का लोड शेडिंग लिया था।
सुबह बिजली आयी भी तो ठहरी नहीं। डी वी सी ने पुनः तीन घण्टे का लोड शेडिंग ले लिया। झारखण्ड सरकार और डी वी सी के बीच लेन देन के बीच कोयलांचल के उपभोक्ता बुरी तरह पीस रहे हैं। हेमन्त सरकार में यह जबरदस्त परिवर्तन उपभोक्ताओं को कष्ट ही दे रहा है। वहीं बेलगाम हो चुका डी वी सी जब इच्छा हो रही है लोड शेडिंग ले लेता है। निश्चित समय पर बिल का भुगतान नही किये जाने पर विलम्ब दंड के साथ विभाग का रेड तक उपभोक्ताओं को झेलना पड़ता है। हालांकि इनकी संख्या कम होती है। यहां सवाल उठता है कि नियमित बिजली बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ता आखिर दिन रात घण्टों बगैर बिजली के कष्ट क्यों काटें और इसके लिए जिम्मेवार को कौन दंड देगा?
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