“ममता की छावं में—-” कोई भेदभाव नहीं, सानिध्य में मिल रहा सुकून
AJ डेस्क: आज अहले सुबह धनबाद के सरायढेला में सिंह मेंशन के समीप यह तस्वीर ली गयी है।मुख्य सड़क का नजारा है।तस्वीर बहुत कुछ बोल जा रही है।अब सिर्फ इसे समझने की जरूरत है।”माता तो सिर्फ माता होती है”।हम भी गाय को “माता” की श्रेणी में रखे हुए हैं।अब देखिए न गो माता के शरण में जो भी जाता है वह उसे ममता ही देती है।यहां भी ममता के छांव में सुकून ही मिलने की बात है।
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