आखिर ग्रामीण महिलाओं ने सरकारी अनाज क्यों लूटा, “कोई भूखा न सोए” का पोल खुला संथाल में, देखें Video-
AJ डेस्क: पेट की ज्वाला शांत करने के लिए दाना दाना को तरस रहे ग्रामीणों ने अंततः सरकारी अनाज लूट लिया। हालाँकि, बाद में प्रशासन ने लूटे गए अनाज को बरामद कर लिया। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की राजनीतिक धरती दुमका है और जब दुमका जिला का ही यह हाल है तो राज्य के अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी। यह अनुमान लगाया जा सकता है।
लॉक डाउन के कारण संथाल परगना के उद्योग बन्द हैं। ग्रामीण मजदूर जो क्रेशर वगैरह में मजदूरी कर जीवन यापन करते थे। वह बेरोजगार हो गए हैं, अब तो उनके पास अनाज का दाना भी नही बचा है। लॉक डाउन की अवधि में “कोई भूखा न सोए” का दावा करते हुए सरकारों ने बड़े बड़े दावा किये हैं, कर रहा है लेकिन धरातल पर कुछ और ही कहानी बयां हो रही है। यहां का दृश्य ही एकदम अलग है। संथाल परगना के सुदूर क्षेत्र के ग्रामीण आख़िरकार ऐसे ही सरकारी अनाज लूटने पर विवश नही हुए होंगे। प्रशासन को इस घटना से सबक लेनी होगी और इसे साधारण घटना नही बल्कि गम्भीर मसला के रूप में लेना होगा।
देखें Video-
दुमका जिला के शिकारी पाड़ा प्रखंड की यह घटना है। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने जन वितरण प्रणाली का अनाज लेकर जा रही ट्रक को जबरन रोक दिया और अनाज का बोड़ा लूट लिया। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन रेस हो गया और लूटा हुआ अनाज बरामद कर लिया। मौके पर पहुंची अंचलाधिकारी के सामने महिलाओं ने कई गम्भीर आरोप लगाए और अपनी बदहाली की बात बताई।
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