हेमंत ने PM को लिखा पत्र: कोटा में फंसे बच्चों और लाखों मजदूरों को वापस लाने का हो इंतजाम
AJ डेस्क: झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड-19 से उत्पन्न झारखण्ड से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नियंत्रण हेतु भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत समय-समय पर निर्गत किये गए आदेश का झारखंड राज्य में अक्षरश: अनुपालन हेतु राज्य सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार ने इन आदेशों के विपरीत ना तो कोई आदेश निर्गत किया है और ना ही कोई कार्यवाही की है। परंतु समाचार पत्रों तथा टीवी चैनलों के माध्यम से जो जानकारी प्राप्त हो रही है उससे पता चलता है कि अन्य राज्यों द्वारा भारत सरकार के उपरोक्त आदेशों का घोर उल्लंघन करते हुए प्रतिदिन कई कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का दूसरे राज्यों में झारखंड के छात्रों एवं मजदूरों को अपने राज्य में वापस लाने हेतु ध्यान आकृष्ट करते हुए सूचित किया कि झारखंड के 5 हजार से ज्यादा बच्चे कोटा तथा देश के अन्य शहरों में लॉक डाउन के कारण फंसे हुए हैं। साथ ही लगभग 5 लाख से अधिक झारखंड के मजदूर जो अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे आज अपने राज्य वापस आना चाहते हैं। वे बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें वापस लाने का प्रबंध राज्य सरकार करे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिनांक 15 अप्रैल 2020 को जारी आदेश में लिखा है कि 3 मई 2020 तक व्यक्तियों का इंटर-स्टेट आवागमन मना है। आदेश का उल्लंघन डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अपराधिक होगा। झारखंड सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती है जो भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में दर्ज हो। परंतु प्रतिदिन यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि कुछ राज्य आपसी सहमति से बड़े पैमाने पर छात्रों का इंटर-स्टेट आवागमन करवा रहे हैं। जबकि गृह मंत्रालय द्वारा ऐसा करने के लिए कोई रियायत नहीं दिया गया है। भारत सरकार के निर्देशों के विपरीत की गई कार्रवाई सिर्फ इस आधार पर बाध्य नहीं हो सकती कि यह कार्य संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री की आपसी सहमति से किए गए हैं। ऐसे राज्यों से केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार का स्पष्टीकरण पूछे जाने या डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के प्रावधानों के तहत इनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई किए जाने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
Chief Minister @HemantSorenJMM wrote to hon'ble PM @narendramodi'ji requesting relaxation of norms by @PIBHomeAffairs allowing inter state movement to facilitate the State Govt to bring back migrant workers & students of Jharkhand from all over the country. https://t.co/18z8kDGJMg
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) April 27, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमानस में ऐसी धारणा बन रही है कि इन राज्यों को भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मौन सहमति प्राप्त है। बच्चों के अभिभावक, मजदूरों के रिश्तेदारों , जनप्रतिनिधि तथा अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा अन्य राज्यों की तरह हमारे बच्चों तथा मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था करने का लगातार दबाव सरकार पर बनाया जा रहा है। परंतु भारत सरकार के आदेश के सम्मान के कारण झारखंड सरकार ऐसा करने में अपने आप को असमर्थ महसूस कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में उभर रहे आक्रोश विशेष रूप से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने निवेदन किया है कि प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय को निर्देश दे कि इन राज्यों में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए आदेश निर्गत करें ताकि केंद्र सरकार के सहयोग से वैधानिक रूप से इस कार्य को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन राज्यों द्वारा इस कार्य को बिना केंद्र के आदेश के किया जा रहा है इन राज्यों के वरीय पदाधिकारियों को भविष्य में न्यायालयों में अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे पदाधिकारियों का मनोबल गिरेगा तथा प्रशासन पर इसका कुप्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।
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