PM मोदी का “चीन” पर “सर्जिकल स्ट्राइक”, वर्षों लगेंगे चीन को उबरने में

AJ डेस्क: लद्दाख और सिक्किम की सीमा पर हवाबाजी कर रहे चीन को इस बात का अंदाजा भी नही था कि “कोरोना वायरस” से जूझ रही विश्व के इस खंड काल में “भारत” उसके खिलाफ ऐसा सर्जिकल अटैक करने की तैयारी कर रहा है जो उसकी आर्थिक रीढ़ को ही तोड़ देगा और उससे उबरने में चीन को वर्षो लग जाएंगे। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में काम कर रहीं 1000 से ज्यादा कम्पनियों को अपनी ओर खींच शी जिनपिंग की नींद हराम कर ही दी थी। अब लोकल-वोकल, लोकल-ग्लोबल का नारा देकर चीन से आयात में भारी कमी के संकेत भी दे दिए हैं।

 

 

प्रधान मंत्री मोदी ने चीन पर ठीक वैसी ही “आर्थिक स्ट्राइक” किया है जैसी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक किया था। सर्जिकल स्ट्राइक में भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुस कर मारा था, इस बार भी चीन के भीतर घुसकर उसके उद्योग धंधे पर स्ट्राइक किया है। भारत के इस हमले को चीन कभी भूल नही पाएगा। कोरोना के माध्यम से पूरी दुनिया को आर्थिक तौर पर पंगु बनाने की साजिश रचने वाले चीन को इस बात का अंदाजा भी नही था कि भारत उसका इस तरह मुंहतोड़ जवाब भी देगा।

 

 

 

 

विश्व के लगभग 2 सौ देश कोरोना की डर से लॉकडाउन लागू करने पर विवश हो गए, जिसकी वजह से विश्व आर्थिक मंदी के मुहाने पर खड़ा हो गया। इसी मंदी में प्रधान मंत्री मोदी ने आर्थिक स्ट्राइक कर चीन को ऐसा सबक सीखा दिया, जिसके बारे में चीन कभी सोच भी नही सकता था।

 

 

पीएम मोदी बड़े ही सधे हुए अंदाज में ऐसी बात कह गए, जिसके बारे में शायद ही कोई सोच रहा होगा। उन्‍होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वह वोकल होकर अब लोकल को अपनाए। मतलब साफ था कि मेड इन चाइना की जगह मेड इन इंडिया ही चलेगा। इसके बाद यह साफ हो गया कि जिस तरह से इस बार के बजट में भारत को मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बनाने का सपना देखा गया था, अब पीएम मोदी उसको आगे ले जाने को तैयार हैं। इसके लिए पीएम मोदी ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया।

 

 

चीन पर ऐसे की सर्जिकल स्‍ट्राइ‍क-

पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में साफ किया कि छोटे उद्योग ओर मजदूरों को देखते हुए एक बड़े आर्थिक पैकेज का जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पीएम ने इसके बाद अपने देश की सप्‍लाई चेन को मजबूत करने का निर्देश दिया है। पीएम की इन बातों से साफ है कि देश में अब खुद अपनी जरूरतों का सामान बनाया जाए और उसको दुनिया में पहचान दिलाने की कोशिश की जाए।

 

 

पीएम मोदी के इन वाकयों में निशाना चीन था। क्‍योंकि देश में अभी तक ज्‍यादातर सामान चीन से आता है और हम उसी के ऊपर निर्भर रहते हैं। लेकिन कोरोना के आने के बाद स्थिति बदल गई क्‍योंकि पीएम ने बताया कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद साफ है कि अगर भारत चाह ले तो वह अपने आप आत्‍मनिर्भर बन सकता है और चीन से आने वाले सामान को रोका जा सकता है। जिससे चीन को एक बड़ा झटका देकर अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत किया जा सकता है।

 

 

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि एक बार उन्‍होंने देशवासियों से खादी के प्रयोग की अपील की थी, जिसके बाद खादी की ब्रिकी और उत्‍पादन में रिकॉर्ड उछाल आया है। इसके साथ ही विश्‍व में भी खादी को एक नई पहचान मिली है। ऐसे में पीएम ने साफ कर दिया है कि आने चाले समय में भारत खुद आत्‍मनिर्भर बनकर देश को एक नई गति देगा।

 

चीन से यह सामान मंगाता है भारत-

इलेक्ट्रॉनिक सामान और उपकरण: बड़े पैमाने पर स्मार्ट फोन, टीवी किट, डिस्प्ले बोर्ड, एसडी कार्ड, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव, साउंड रिकॉर्डर्स के साथ एलईडी बोर्ड चीन से भारत को आते हैं। इनका सालाना कारोबार 21.1 बिलियन डॉलर (2016 का आंकड़ा) ज्यादातर भारतीयों के हाथ में चीन के बने स्मार्टफोन हैं।

 

मशीनरी: पहले भारत में आमतौर पर मशीनरी सामान जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय देशों से आते हैं लेकिन अब वो ज्यादातर चीन से आते हैं। इसमें हर तरह की मशीनों, मशीनों से जुड़े सामान, रेल के सामान, न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर, पॉवर जेनरेशन उपकरण और मशीनरी पार्ट शामिल हैं। इसमें वाहन और कार एसेसरीज भी हैं।

 

आर्गनिक केमिकल्स: हर तरह के आर्गनिक केमिकल्स और उनके एलिमेंट्स तथा खाद और खाद से जुड़े तत्व शामिल हैं।

 

प्लास्टिक: प्लास्टिक के रोजाना घर से लेकर आफिस तक में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान बड़े पैमाने पर चीन से ही आ रहे हैं।

 

आयरन और स्टील मशीनरी: स्टील के साथ लोहे से बनी बड़ी से लेकर छोटी मशीनें पिछले कुछ बरसों में बड़े पैमाने पर चीन से आने लगी हैं।

 

चश्मे, मेडिकल और सर्जिकल उपकरण: सस्ते मेडिकल उपकरण और आपरेशन थिएटर में इस्तेमाल होने वाली उपकरण और चीजें पहले यूरोप और अमेरिका से भारत आते थे, लेकिन अब उसमें बड़ी संख्या में ऐसे सामान पड़ोसी देश से आते हैं।

 

फर्नीचर: बाजार में जितने फर्नीचर अब नजर आते हैं, वो सभी चीन से आ रहे हैं। इसमें सस्ते से लेकर महंगे सामान भी हैं।

 

इसके अलावा खेल के सामान और खेल उपकरण खिलौने, जूते-चप्पल आदि।

 

 

 

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