रांची के हिंदपीढ़ी पुलिस पर पथराव के बाद लाठी चार्ज, अश्रु गैस के गोले छोड़े गए, स्थिति नियंत्रण में

AJ डेस्क: झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना हॉटस्पॉट बने हिंदपीढ़ी में शनिवार को हंगामा हो गया। कंटेनमेंट जोन घोषित हो चुके हिंदपीढ़ी में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए यहां तैनात सीआरपीएफ के जवानों को लाठीचार्ज का सहारा लेने के अलावा रबर पैलेट का भी इस्तेमाल करना पड़ा। खबरों के मुताबिक लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में सीआरपीएफ जवानों और पूर्व पार्षद मो असलम के बीच बहस हो गयी।

 

 

सबसे बड़ा कंटेनमेंट जोन है हिंदपीढ़ी-

विशेष रूप से, लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए, झारखंड के सबसे कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी में सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। आरोप है कि कथित तौर पर लोगों ने अपने घरों में लाइट बंद करने के बाद अंधेरे से सीआरपीएफ कर्मियों पर पथराव किया था। कुछ छोटे मुद्दों को लेकर सीआरपीएफ के साथ स्थानीय लोगों के विवाद बढ़ने के बाद झड़प शुरू हो गई थी जिसके बाद उन्होंने इलाके में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया था।

 

 

 

सड़कों पर निकली उपद्रवी भीड़-

इस बीच, इलाके के पूर्व वार्ड काउंसलर को सीआरपीएफ ने कथित रूप से पीट दिया, जिससे उपद्रव और बढ़ गया और सैकड़ों लोग उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर निकल आए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और इस दौरान रबर पैलेट का भी इस्तेमाल किया गया।

 

 

 

सुरक्षाबलों पर पथराव-

खबरों के मुताबिक सैकड़ों लोगों ने चारों तरफ से इकट्ठा होकर सीआरपीएफ कर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सीआऱपीएफ को बल का प्रयोग करने तथा रबर पैलेट का इस्तेमाल करना पड़ा।

 

 

 

हालात पर रखी जा रही है नजर-

पुलिस अधिकारियों ने हालांकि दावा किया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। आईजी नवीन कुमार सिंह ने कहा, ‘चूंकि अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कैसे हुआ।’ इस बीच, जिला प्रशासन की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल जुटाए गए हैं। स्थिति की व्यक्तिगत रूप से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी जा रही है।

 

 

 

 

सोशल मीडिया पर भी नजर-

आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है नहीं तो उनके खिलाफ महामारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।’असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों की जांच के लिए सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।

 

 

 

 

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