‘DC’ साहब, ‘GM ELEC’ साहब ध्यान दें, अति हो गया, बेहतर होगा कनेक्शन काट दें
AJ डेस्क: हद नही हो गया,अति हो गया जनाब। जनता पर तिहरा मार पड़ रहा है। लॉक डाउन में बाहर न जाएं, गर्मी अपना जलवा दिखाएगा ही और बिजली के दर्शन होंगे नहीं। एक नही, दो नहीं, तीन-चार घण्टे की बात कौन करे, यहां तो एक बार बिजली कटती है तो छह-सात घण्टे नही आती।
शहर के अन्य क्षेत्रों का हम सही सही दावा नही कर सकते लेकिन आमा घाटा पावर सब स्टेशन से जुड़े उपभोक्ता त्राहि त्राहि कर गए हैं। सरायढेला दो हिस्से में बांटा हुआ है। कुछ उपभोक्ता PMCH से जुड़े हुए हैं तो बड़ा इलाका आमाघाटा के साथ जुड़ा हुआ है। अभी हाल में आए साइक्लोन का असर धनबाद पर खास नही पड़ा था लेकिन हाय रे बिजली विभाग, दिन दिन भर बिजली काटे हुए था।
उस वक्त कहा गया कि नव निर्मित कांड्रा ग्रिड में खराबी आ गयी है। एक दिन बाद कहा गया कि कांड्रा का प्रॉब्लम ठीक हो गया। लेकिन ठीक उसके थोड़ी देर बाद छह सात घण्टे के लिए बिजली गुल हो गयी।
कल रविवार की देर रात तक बिजली के दर्शन नही थे। बारह बजे रात के आस पास बिजली आयी भी तो दो तीन घण्टे बाद फिर घण्टों के लिए चलते बनी।
आज सुबह से फिर वही तमाशा है। जी हां, इसे तमाशा ही तो कहेंगे। उपभोक्ता पर जितनी मर्जी लोड डाल दो लेकिन सेवा बद से बदतर दो। बदतर सेवा देने वालों से सरकार हर्जाना वसूल कर अपना खजाना भर ले लेकिन जब उपभोक्ता को सही सेवा नही दे सकती है तो राजस्व वसूली भी नही करे। हम बिजली भी नही देंगे और कानून का भय दिखाकर पैसा भी वसूलेंगे। इसे कौन सी संज्ञा दी जाए। यह काम कोई प्राइवेट लोग-संस्थान करेगा तो सरकार उसे क्या कहकर दोषी साबित करती है फिर अपने लचर व्यवस्था पर कानूनतः कार्रवाई क्यों नही करती।
शहर के बड़े उपभोक्ताओं की त्रासदी देखें। मेंटेनेंस PMCH के अधीन और आपूर्ति आमाघाटा के वश में।
जो भी हो, इस वर्ष अभी एक सप्ताह से गर्मी अपना जलवा दिखाना शुरू किया है। बीच में साइक्लोन ने दो दिन राहत दे ही दिया था। ज्येष्ठ का महीना है। गर्मी अब नही तो कब अपना जलवा दिखाएगा। विभाग भी तो पहले से तैयारी किया ही होगा। फिर यह कैसी तैयारी है कि 24 घण्टे में बारह घण्टे तक बिजली नही मिल पाती।
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