हैक किया एक्सिस बैंक का सिस्टम और उड़ाया को-ऑपरेटिव बैंक का 1.55 करोड़ रु

AJ डेस्क: झारखंड के धनबाद में अभी तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने धनबाद को-ऑपरेटिव बैंक के चालू खाते से 1.55 करोड़ रुपए उड़ा लिए। को-ऑपरेटिव बैंक का खाता एक्सिस बैंक के बैंक मोड़ ब्रांच में है। अपराधियों ने एक्सिस बैंक का सिस्टम हैक कर देश के 19 खातों में रकम भेजी है। मामले की शिकायत को-ऑपरेटिव बैंक के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) रमण श्रीवास्तव ने साइबर थाना धनबाद में की है। साइबर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।

 

 

शिकायत में बताया गया है कि 29 और 30 मई को को-ऑपरेटिव बैंक के चालू खाते से कई खातों में आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर कराए गए। जिसमें एक बार में पौने पांच लाख से 10 लाख तक ट्रांसफर हुए। जब को-ऑपरेटिव बैंक को भनक लगी तो एक्सिस बैंक के प्रबंधक को जानकारी दी गई। को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से बैंक को इस संबंध में दो बार पत्राचार किया गया। कोई कार्रवाई नहीं होने पर को-ऑपरेटिव बैंक के सीटीओ ने साइबर थाने में शिकायत की। साइबर डीएसपी सुमित सौरभ लकड़ा ने को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचकर मामले की छानबीन की।

 

 

फर्जी इंट्री कर उड़ाई राशि-

सीटीओ ने पुलिस को बताया कि को-ऑपरेटिव बैंक की ऑनलाइन इंट्री के आधार पर एक्सिस बैंक संबंधित लोगों के खातों में आरटीजीएस करता है। 30 मई को फर्जी आरटीजीएस की जानकारी मिली। ये 19 इंट्री को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से नहीं की गई थीं। और न ही इस भुगतान के लिए एक्सिस बैंक को अधिकृत किया गया था। इधर, एक्सिस बैंक की ओर से कहा जा रहा है कि इंट्री के आधार पर भुगतान होता है। इसमें मैनुअल कुछ भी नहीं है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से पूर्व में की गई वैध इंट्री में कई नंबर को छोड़ कर आगे के नंबरों से इंट्री की गई है। साइबर क्रिमिनलों ने जिन खातों में रुपए भेजे, उन खातों से कुछ नगद निकासी हुई और बाकी रकम नेट बैंकिंग के जरिए छोटे-छोटे किस्तों में दूसरे खातों में ट्रांसफर करा लिए गए।

 

 

कई राज्यों में भेजी गई रकम-

जिन खातों में आरटीजीएस की गई है वे कई शहरों के अगल-अलग बैंकों के हैं। ठगों ने दिल्ली, गाजियाबाद, मिजोरम, मेघालय, गुवाहाटी, गोरखपुर, बेंगलुरु और नैनीताल के खातों में रुपए ट्रांसफर किए हैं। नौ खातों में नौ लाख से अधिक रुपए ट्रांसफर हुए, जबकि 10 खातों में पौने पांच से छह लाख रुपए तक हस्तांतरित हुए।

 

 

 

 

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