नेपाल के 33 एकड़ जमीन पर चीन ने किया अतिक्रमण, विपक्षियों का तेवर हुआ कड़ा
AJ डेस्क: अपने नए विवादित नक्शे के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को तूल देने वाले पड़ोसी देश नेपाल की जमीन पर अब चीन की नजर गड़ गई है। नेपाल के कृषि विभाग की रिपोर्ट की मानें तो नेपाल से लगती तिब्बत सीमा पर चीन ने 10 जगहों पर अतिक्रमण किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अतिक्रमण का यह क्षेत्र करीब 33 एकड़ में फैला है। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन अपना क्षेत्र बढ़ाने के लिए नदियों की धारा भी मोड़ रहा है। कृषि विभाग की यह रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष ने ओली सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है। वहीं, नेपाल सरकार इस बारे में कुछ नहीं बोल रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल-
विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व उप प्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने चीन पर नेपाल की भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है और इस मामले में ओली सरकार से जवाब मांगा है। बिमलेंद्र ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘चीन नेपाल की सीमा में आक्रामक गतिविधि कर रहा है। हमला, रसुवा, संखुवासभा, सिंधुपालचोक सहित कई जगहों पर 33 हेक्टेयर भूमि पर उसने कब्जा किया है। इस पूरे मामले में सरकार से जवाब चाहिए।’
हिमालय र सगरमाथाबारे
आपत्तिजनक चिनियाँ गतिविधि;
हुम्ला,रसुवा,संखुवासभा,
सिन्धुपाल्चोक गरि ३३हे.
जग्गा चीनद्वारा कब्जा;
गोरखाको रुई गाउँ कब्जा;कोरोनाबारे सहयोग र चिनियाभाषा पढाउने नाउमा चिनियाँ सेना आउने;
र सरकारलाई चिनिया पार्टी ले तालिम दिएको समाचार आयो।
सरकारको जबाफ चाहियो।— Bimalendra Nidhi. (@BimalendraNidhi) June 23, 2020
गांवों पर किया कब्जा-
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन ने रुई गांव पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और लगभग 72 घरों में रहने वाले निवासी अपनी मूल पहचान के लिए लड़ रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि कैसे नेपाल के वर्तमान शासन ने चीन के सामने घुटने टेक दिए हैं और अब वे भारत विरोधी बयानों और भारत विरोधी गतिविधियों का सहारा ले रहे हैं। कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने हुमला जिले में चीन ने बागडारे खोला नदी एवं करनाली नदी की धारा मोड़कर वहां 10 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया है। इसके अलावा उसकी तरफ से रसुआ जिले में छह एकड़ जमीन कब्जाई गई है।
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