बलियापुर में विरोध कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने खदेड़ खदेड़ कर पीटा, देखें Video-

AJ डेस्क: कोरोना के भय की वजह से रविवार को धनबाद में ग्रामीण और पुलिस आमने-सामने आ गए। जिसके बाद दोनों तरफ से जमकर लाठियां चली। जिसमें कई ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हो गए है। इस दौरान वहां साफ-सफाई के लिए लगे जेसीबी मशीन को भी ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। मामला धनबाद के बलियापुर थाना क्षेत्र का है।

 

 

बताया जा रहा है कि सभी ग्रामीण कोरोना की वजह से मर चुके लोगों के लिए यहाँ बनाई जा रही शमशान घाट का विरोध कर रहे थे। तभी मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को विरोध करने से रोका। जिसके बाद हार्वे हथियार से लैस दर्जनों ग्रामीण यहाँ जुट गए और पुलिस पर ही प्रहार शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस ने खदेड़-खदेड़ कर ग्रामीणों की पिटाई की। कई ग्रामीणों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है।

 

 

कुछ समय के लिए कोरोना से मरे मरीजों की अंतेयष्टि के लिए चिन्हित यह क्षेत्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। ग्रामीणों लाठी-डंडो के साथ टांगी और कुल्हाड़ी जैसे परम्परागत हथियार भी लिए हुए थे। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पहले अपना गुस्सा वहां साफ-सफाई कर रहे जेसीबी मशीन पर उतारा। ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस के जवानों ने ग्रामीणों को काफी रोकने और समझाने का प्रयास किया, लेकिन हथियारों से लैस ग्रामीण पुलिस जवानों पर ही अपना हथियार भांजने लगे। इस दौरान ग्रामीण महिला भी वहां मौजूद थी। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज शुरू कर दिया।

 

देखें Video-

 

बात दें कि कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत के बाद उनकी अंत्योष्टि करने के लिए धनबाद जिला प्रशासन ने स्थल चिह्नित किया। बलियापुर प्रखंड के आमझर में जमीन चिन्हित कर उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने शनिवार को स्थल का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने युद्ध स्तर पर साफ सफाई करने और उसकी घेराबंदी करने के भी निर्देश दिए थे। उपायुक्त के निर्देश के बाद वहां जेसीबी लगाकर साफ-सफाई किया जा रहा था। स्थानीय लोगों को जब इस बात की भनक लगी तो वे स्थल पर पहुंच कर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया था।

 

 

ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन रैयतों की है। इस जमीन पर जिला प्रशासन कैसे सरकारी कार्य कर सकता हैं। इसके साथ ही आसपास घनी आबादी है। 150 से 200 मीटर की दूरी पर ही सरकारी स्कूल है। जहां बच्चों की पढ़ाई होती है। किसानों के खेत भी आसपास ही हैं। लोग खेती करने लिए दिनभर अपने खेतों में लगे रहते हैं। यदि यहां संक्रमित मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया तो कई लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।

 

 

 

 

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