PMCH: उपयोग किए गए PPE किट कैम्पस में जहाँ तहां फेंका हुआ, प्रबन्धन मौन, संक्रमण का खतरा

AJ डेस्क: धनबाद स्थित पीएमसीएच के कर्मियों द्वारा कोरोना संदिग्ध के शवों को शव गृह में रखने के समय इस्तेमाल में ली गई पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई ) किट को अस्पताल परिसर में जहाँ-तहाँ खुले में फेका जा रहा है। जिससे आस-पास के जेनरल वार्ड में इलाजरत मरीजों और यहाँ आने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। जैसे-तैसे पीपीई किट को फेंके जाने पर किये गए सवाल पर अस्पताल प्रबंधन भी बहाने बाजी करता नजर आया।

 

 

आये दिन पीएमसीएच में इलाजरत मरीजों में कोरोना संक्रमण से जुडी टेस्ट रिपोर्ट पोजेटिव आ रही है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1942 तक पहुँच गयी है। जिसमें अस्पताल में इलाजरत मरीजों के अलावे चिकित्सक, पैरामेडिकल कर्मी, फार्मासिस्ट एवं अन्य लोग शामिल हैं।

 

 

आपको बता दें की पीपीई किट में 48 घंटे तक संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में पीपीई सहित अन्य वेस्ट खुले में फेंका जाना आइसीएमआर के गाइड लाइन का खुला उलंघन है, क्योंकि इस्तेमाल की गयी पीपीई किट से कम से कम दो दिनों तक संक्रमण का खतरा रहता है।

 

 

पीपीई किट में सिर से पैर को पूरी तरह से कवर करने के इक्यूप्मेंट होते हैं। इसमें सिर को ढकने के लिए कैप, चश्मा, फेस शील्ड, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लब्स, गाउन (एप्रिन के साथ व एप्रिन के बिना दोनों तरह से) और शू कवर शामिल हैं। ऐसे में इस्तेमाल की हुई किट को हाइपोक्लोराइट के घोल में डालने के बाद उसे पीले पौली बैग में डाल कर उसका सही तरह से निस्तारण करना जरुरी होता है।

 

 

पर यहाँ का नजारा कुछ और ही है। ये अलग बात है की पीएमसीएच प्रबंधन ने इस बात को मानने से साफ इंकार कर गया की उसके कर्मियों ने जहाँ तहां पीपीई किट फेंकने का काम किया है।

 

 

 

 

 

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