यह भी खूब रहा: धरना पर बैठे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे उप सभापति हरिवंश {VIDEO}

AJ डेस्क: भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती का एक और नायाब उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मंगलवार सुबह धरने पर बैठे विपक्ष के सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे। कृषि सुधारों से जुड़े विधेयकों के पारित किए जाने के दौरान राज्यसभा में इन सदस्यों ने ‘आक्रामक व्यवहार’ दिखाया था जिसके बाद इन्हें मानसून सत्र के बचे समय के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबन की इस कार्रवाई के खिलाफ विपक्ष के ये सदस्य सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। विपक्ष के इन सांसदों का कहना है कि जब तक इनका निलंबन वापस नहीं होगा तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। सांसद अपने साथ तकिया और चादर लेकर आए और पूरी रात संसद परिसर में बिताई लेकिन मंगलवार सुबह राज्यसभा के उप सभापति उनके पास आकर चौंका दिया।

 

 

हरिवंश अपने साथ निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर आए और सभी को चाय पिलाई। इस दौरान उप सभापति ने निलंबित सांसदों से बातचीत भी की। राज्यसभा के ये निलंबित सदस्य हैं-राजीव सातव, नासिर हुसैन, रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेना, डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), केके रागेश, एलामारम करनीन (सीपीएम), संजय सिंह (आप)। सोमवार को इन सांसदों के खिलाफ सत्ता पक्ष की ओर से निलंबन प्रस्ताव लाया गया जिसे ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई। इस दौरान भी राज्यसभा में काफी हंगामा देखने को मिला।

 

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इसके पहले राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के उप सभापित हरिवंश के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया। नायडू ने कहा कि यह प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं है और न ही इसे लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस दिया गया है। विपक्ष के सदस्यों का कहना है कि कृषि सुधार से जुड़े दो विधेयकों को जिस तरह से पारित किया गया है, वह सही नहीं है। इसके खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए कुछ सांसद रविवार को सदन में भारी हंगामा किया। विपक्ष के सदस्य इन विधेयकों पर वोटिंग कराए जाने की मांग कर रहे थे और जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे कागज फाड़ने लगे। टेबल पर चढ़कर नारेबाजी की और उस समय सदन की कार्यवाही संचालित कर रहे उप सभापति हरिवंश के ऊपर कथित रूप से रूल बुक फेंक दिया।

 

 

कृषि सुधार से जुड़े विधेयकों का विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि ये विधेयक किसानों से उनकी कृषि कार्य करने की आजादी छीन लेंगे। मंडिया खत्म हो जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। हालांकि सरकार का कहना है कि ये विधेयक किसानों की आय बढ़ाने वाले हैं और किसान अपने उत्पाद देश भर में कहीं पर भी बेच सकेंगे। किसानों से जुड़े इन विधेयकों को लेकर विपक्ष मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाला है। कृषि सुधार विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके हैं।
 

 

 

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