ओबीसी लिस्ट में शामिल करने के लिए झारखण्ड ने 36 जाति का नाम केंद्र को भेजा

AJ डेस्क: झारखंड सरकार ने कुर्मी समेत 36 पिछड़ी जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। हालांकि इस लिस्ट में कुछ नाम वो हैं जो पहले से ही केंद्रीय सूची का हिस्सा है, इनमें कुर्मी, चंद्रवंशी और चास समुदाय हैं। केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल होने से इन जातियों को केंद्र सरकार की नौकरियों और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। AJSU विधायक लम्बोदर महतो के एक सवाल पर सोमवार को विधान सभा के चल रहे मानसून सत्र में लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि 36 जातियां नई सूची में शामिल की गईं।

 

 

क्या है केंद्र को भेजे गए पत्र में-

वंदना डाडेल द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र के मुताबिक इन जातियों को पहले ही पिछड़ी जाति-अनुसूची के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। झारखंड में शैक्षणिक संस्थानों / या सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों में आरक्षण के लाभ का विस्तार करने के उद्देश्य से बैकवार्ड क्लास शेड्यूल 1 और बैकवार्ड क्लास शेड्यूल 2 शामिल कर लिया गया है। हालांकि इन जातियों के केंद्रीय सूची में शामिल होने का अभी इंतज़ार है।

 

 

अधिकारी सरकार को कर रहे गुमराह-

महतो ने कहा कि पहले से ही केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल कई जातियों को फिर से सूचीबद्ध करने के लिए भेजा गया था। उदाहरण के लिए, कुर्मी, चंद्रवंशी और चास समुदाय पहले से ही केंद्रीय सूची में हैं और झारखंड सरकार का कहना है कि वे नहीं हैं। मैं इसे विधानसभा में उठाऊंगा कि सरकार में अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

 

 

राज्य की आबादी का अनुमानित 10-12% हिस्सा कुर्मी समुदाय भी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की स्थिति की मांग कर रहा है। उनके नेताओं का दावा है कि राज्य विधानसभा की 25 प्रतिशत से अधिक सीटों पर उनका वोट महत्वपूर्ण हो सकता है।

 

 

सभी दलों के लिए ये बड़ा चुनावी मुद्दा रहा-

झारखंड में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी कोटा बढ़ाना राज्य के सभी राजनीतिक दलों के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक रहा है। विधानसभा चुनावों से पहले झारखंड में एक चुनावी रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भाजपा ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। उन्होंने कहा था कि अगर राज्य में भाजपा को वोट दिया गया तो ओबीसी को ज़्यादा आरक्षण देने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। वर्तमान में झारखंड में ओबीसी जनसंख्या का लगभग 46% है और 14% आरक्षण कोटा है।

 

 

 

 

 

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