रणनीतिक महत्व वाले 44 पुलों का ऑन लाइन उद्घाटन किया रक्षा मंत्री ने

AJ डेस्क: LAC पर चीन से तनाव के बीच भारत लगातार खुद को मज़बूत करने में लगा हुआ है। हाल ही में हुए अटल टनल के उद्घाटन के बाद आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सात राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में बनाए गए 44 पुलों को देश को समर्पित किया।

 

 

अरुणाचल के तवांग के लिए बनने वाली नेचिपु सुरंग की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए आधारशिला रखी। उन्होंने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उद्घाटन किया। 44 में से 10 पुल जम्मू-कश्मीर वहीं 3 पुल हिमाचल प्रदेश में बनाए गए हैं। रणनीतिक महत्व के चलते बनाए गए ये पुल सुरक्षाबलों की हथियार और उपकरण के आवागमन में मदद करेंगे।

 

https://twitter.com/ANI/status/1315515426646835200?s=20

 

रक्षा मंत्री बोले- एक नये युग की होगी शुरुआत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि आज, BRO के बनाए गए 44 पुलों के एक साथ उद्घाटन और अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग के शिलान्यास के अवसर पर, आप सभी के बीच उपस्थित होने पर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। एक साथ इतनी संख्या में पुलों का उद्घाटन, और टनल का शिलान्यास, अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद ये पुल कनेक्टिविटी और विकास के एक नये युग की शुरूआत करेंगे।

 

 

देश कई समस्याओं का कर रहा सामना-

रक्षा मंत्री ने कहा मैं बीआरओ से संबंधित स्थानीय लोगों सहित, समस्त देशवासियों को बधाई देता हूं, और इन पुलों को देश को समर्पित करता हूं। साथ ही नेचिपु सुरंग के काम की शुरुआत पर शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा आज हमारा देश, हर क्षेत्र में, कोरोना के कारण उपजी अनेक समस्याओं का, समान रूप से सामना कर रहा है। वह चाहे कृषि हो या अर्थव्यवस्था, उद्योग हों या सुरक्षा व्यवस्था। सभी इससे गहरे प्रभावित हुए हैं। हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से भी आप भली-भांति अवगत हैं।

 

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अब चीन ने भी पैदा किया सीमा-विवाद

रक्षा मंत्री ने कहा पहले पाकिस्तान, और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हजार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है। इतनी समस्याओं के बावजूद, हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल, और दूरदर्शी नेतृत्व में यह देश, न केवल इन संकटों का दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।

 

 

विश्व के इतिहास में यह निर्माण अद्भुत-

हाल ही में राष्ट्र को समर्पित ‘अटल टनल, रोहतांग’, इसका जीता-जागता उदाहरण है. न केवल भारत, बल्कि विश्व के इतिहास में यह निर्माण अद्भुत, और अभूतपूर्व है। यह टनल हमारी ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’, और ‘हिमाचल’, ‘जम्मू-कश्मीर’ और ‘लद्दाख’ के जनजीवन की बेहतरी में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इनके पुलों के निर्माण से, हमारे पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वोत्तर के दूर-दराज के इलाकों में, सेना और सिविल ट्रांसपोर्ट में बड़ी सुविधा मिलेगी। हमारी सुरक्षाबलों के जवान, बड़ी संख्या में ऐसे इलाकों में तैनात होते हैं जहाँ पूरे साल ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इन पुलों में कई छोटे, तो कई बड़े पुल हैं, पर उनकी महत्ता का अंदाजा उनके आकार से नहीं लगाया जा सकता है। शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य आपूर्ति, सेना की सामरिक आवश्यकता हो या अन्य विकास के काम, इन्हें पूरा करने में ऐसे पुलों और सड़कों की समान, और अहम भूमिका होती है।

 

 

कहां बने हैं ये पुल-

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मनाली-लेह मार्ग पर दारचा नदी, अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल में चंद्रा नदी, मनाली के पलचान में ब्यास नदी पर पुल बनकर तैयार हैं। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल-प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और पंजाब में बनाए गए हैं।

 

 

 

 

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