दुर्गा पूजा से पहले जानें कोरोना में कलाकारों का हाल-ए-दिल

AJ डेस्क: 17 अक्टूबर यानि आज से नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। कोरोना वायरस महामारी के बीच इस पर्व का रंग भी हल्का पड़ गया है। लोग तैयारियों में तो जुटे हैं लेकिन बहुत सावधानी के साथ। इस बीच मूर्ति बनाने वालों की जिंदगी भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। झारखंड सरकार की तरफ से अंतिम समय में आई नई गाइडलाइंस की वजह से देश की कोयला राजधानी धनबाद के मूर्तिकारों को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और वह किस तरह के दबाव का सामना कर रहे है यह हमने इस रिपोर्ट के माध्यम से जानना चाहा।

 

 

वैश्विक महामारी कोविड- 19 के बीच ऐहतियातों के साथ लौटती जिंदगी में ढेरों दर्द हैं। त्योहारों का रंग फीका हो चुका है। नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर यानि कि आज से शुरू हो रहा है। इस बीच जो तस्वीरें देश देश की कोयला राजधानी धनबाद से आ रही हैं, उन्हें देखकर हालातों का अंदाजा लगा पाना आसान है। समझना आसान है कि इस महामारी ने क्या बर्बाद किया है। धनबाद में मूर्तिकारों का व्यापार दुर्गा पूजा के दौरान भी कोरोना वायरस की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से मूर्तिकारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

 

एक मूर्तिकार कहते हैं, ‘हमें छोटी मूर्तियों के ऑर्डर मिले हैं। पिछले वर्ष हमने 200 से अधिक मूर्तियां बनाई थीं लेकिन इस साल हमें सिर्फ 40 से 50 मूर्तियों का ही ऑर्डर मिला है। हम इस साल बहुत बड़े घाटे से गुजर रहे हैं।’ साथ वह कहते है कि सरकार की नई गाइडलाइंस अंतिम समय मे आने की वजह से हमें 24 घंटे काम करना पड़ रहा है। जिससे हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

 

एक और मूर्तिकार अपना दर्द बयां करते हुए कहते है कि उन्हें इस वर्ष कोरोना की वजह से बहुत कम ऑर्डर मिले हैं। वो भी चार से साढ़े चार फीट के छोटे आकार की हैं। हम आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। वह कहते है कि दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों का सेट जिसमें देवी दुर्गा के अलावा लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक, गणेश, महिषासुर आदि की मूर्तियां बनाने में लगभग 5-6 महीना लगते हैं लेकिन सरकार के नई गाइडलाइन आने के बाद मूर्ति कलाकारों को उसी मूर्ति को बनाने के लिए मात्र 20 दिन का ही समय मिला है। जिस कारण मूर्तिकारों को दिन रात काम करना पड़ रहा हैं।

 

 

बात दें कि दुर्गा पूजा को लेकर झारखंड सरकार के द्वारा जारी नई गाइडलाइन के कारण मूर्ति कलाकारों किसी भी हालत में पूजा पंडालों में 21 अक्टूबर से पहले मूर्ति उपलब्ध कराना होगा। जो सच मे मूर्तिकारों के लिए किसी चुनौती से कम नही है।

 

 

 

 

 

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