सार्वजनिक जलाशयों पर छठ पूजा करने पर लगी रोक का विरोध, सरकार निर्णय वापस ले- राज सिन्हा
AJ डेस्क: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर हेमंत सरकार के आदेश के बाद झारखंड में राजनीति चरम पर है। सामूहिक तौर पर छठ मनाने पर रोक के सरकारी आदेश का सामाजिक और राजनीतिक तौर पर विरोध शुरू हो गया है। राजनीतिक तौर पर भाजपा ने मोर्चा संभालते हुए सरकार के आदेश को अविलंब वापस लेने को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया हैं। इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और धनबाद विधायक राज सिन्हा ने हेमंत सोरेन सरकार को पत्र लिख इस आदेश का विरोध जताया है।
धनबाद विधायक राज सिन्हा ने सरकार को पत्र लिख इस छठ को लेकर जारी दिशा निर्देश का विरोध जताते हुए उन्होंने छठ घाटों पर पूजा की अनुमति देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह आदेश कम से कम 15 दिन पहले आना चाहिए था। जिससे लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर पाते। लेकिन मात्र 3 दिन पहले ऐसा आदेश जारी होने से लोगों में आक्रोश का माहौल पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा है कि जब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाकी सभी त्यौहार मनाए जा सकते है तो फिर छठ महापर्व क्यों नही मनाया जा सकता। उन्होंने पत्र में लिखा है झारखंड में सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदुओं के आस्था के साथ किए जा रहे सख्ती का विरोध करते है।
इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी इसके विरोध में सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार के इस फैसले से एक बड़े तबके खासकर सनातनी समाज को गहरा आघात लगा है। सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे।
ज्ञात हो कि 1 दिन पहले रविवार की देर रात आपदा प्रबंधन विभाग ने छठ पर्व के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। इसके तहत नदी घाटों और तालाब के इर्द-गिर्द भीड़ लगाने पर पाबंदी लगाई गई है। इधर, बताया जा रहा है कि छठ पर्व पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी हो सकता है। सीमित संख्या में घाटों पर पूजा की अनुमति मिल सकती है।
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