सेवा भावना: संक्रमण से हुई मौत, शव को कंधा देने वाला नही मिला, RSS समर्थकों ने किया दाह संस्कार
AJ डेस्क: धनबाद महानगर आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने ‘सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम हम जलें’ इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए वह कार्य किया जो सामान्यतः कोरोना काल में सगे भी करने का हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
दरअसल महानगर के हेल्पलाइन नंबर पर बाबूडीह, पॉलिटेक्निक निवासी विनय कुमार ने गुरुवार की सुबह 7:45 बजे कर कहा कि उनके पिताजी की मृत्यु हो गई है। मुझे मदद की आवश्यकता है। कॉल पर मौत का कारण और स्थान पूछा गया तो कारण में कोरोना से मृत्यु और स्थान रिम्स अस्पताल राँची बताया गया। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए RSS कार्यकर्ता विवेक रिम्स राँची के लिए तत्काल रवाना हो गए। साथ ही इधर बाकी कार्यकर्ताओं ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था शुरू कर दी गई। गुरुवार की देर शाम कोरोना पीड़ित का शव धनबाद पहुंचा।

इसके बाद पांडरपाला श्मशानघाट पर कार्यकर्ताओं ने पीपीई किट पहनकर पूरे विधि-विधान और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार स्वर्गीय विजय प्रसाद का अंतिम संस्कार किया। कार्यकर्ता किसी अपने की तरह कोरोना पीड़ित की चिता की अग्नि बुझने तक वहीं डटे रहें। RSS कार्यकर्ताओं के इस कार्य की पूरे शहर में सराहा जा रहा है।
वहीं इस पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे संघ के धनबाद महानगर कार्यवाहक पंकज सिंह ने कहा, “स्वयंसेवकों को संघ की शाखा में राष्ट्र व समाज के लिए त्याग और समर्पण का भाव सिखाया जाता है। संघ की स्थापना राष्ट्र व समाज हित के लिए की गई जिसमें स्वयंसेवक व्यक्तिगत स्वार्थ एवं हित से ऊपर उठकर राष्ट्र एंव समाज के लिए त्याग और समर्पण करते हैं। स्वयंसेवक अपने व्यक्तिगत सुख-दु:ख, निंदा-प्रशंसा से परे अहर्निश समाज के लिए कार्य करते हैं। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा ऐसे आपदा के समय लोगों की निस्वार्थ सेवा करना प्रथम कर्तव्य होता है।”
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