विधायक राज सिन्हा ने SNMMCH प्रबंधन को सौंपा ‘बायोपैप’ मशीन

AJ डेस्क: वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच संक्रमितों की लगातार हो रही मौत से लोग दहशत में है। इसी बीच धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा ने शनिवार को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) पहुंचे और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को बायोपैप मशीन सौंपा। ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों को वेंटीलेटर नहीं मिलने पर भी बायोपैप मशीन द्वारा उन्हें ऑक्सीजन मिलता रहे।

 

 

विधायक राज सिन्हा ने कहा कि लोगों को इस आपदा काल में आगे आकर मदद करनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सक से बातचीत कर बायोपैप मशीन का ऑर्डर किया था। जिसके डिलीवरी में देर हुई, परंतु यह मशीन सांस लेने में परेशानी होने वाले मरीजों को काफी राहत पहुंचाएगी और फिलहाल पांच बायोपैप मशीन एसएनएमएमसीएच प्रबंधन को सौंपा गया है। आने वाले समय में 10 और बायोपैप मशीन प्रबंधन को दिया जाएगा। जिससे कि मरीजों को राहत पहुंच सके।

 

 

 

 

 

 

क्या होता है बायोपैप मशीन-

बायोपैप यानि बाई लेवल पॉजिटिव प्रेशर मशीन मुहैया। यह मशीन पूरी तरह से वेंटिलेटर की तरह ही काम करती है और उन मरीजों के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है, जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है, लेकिन सांस लेने में काफी तकलीफ है। जहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है, उस परिस्थिति में यह मशीन मरीज के लिए काफी कारगर साबित होगी। खासकर कोरोना से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इससे राहत मिलेगी और मुश्किल परिस्थितियों में जान बचाई जा सकेगी। इस मशीन में एक ट्यूब लगी होती है, जो मास्क से जुड़ती है। इस मास्क को नाक पर लगाया जाता है और उसके जरिये ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। बायोपैप का काम वेंटिलेटर की तरह ही होता है।

 

 

दरअसल, जो मरीज खुद से ऑक्सीजन अपने अंदर नहीं ले पाते, इतने कमजोर हो जाते हैं कि सांस नहीं खींच पाते या संक्रमण इतना गहरा होता है कि फेफड़ा सही ढंग से काम नहीं करता है तब इसमें बायोपैप मशीन मददगार साबित होता है। यह मशीन ज्यादा प्रेशर के साथ ऑक्सीजन को फेफड़े के अंदर धकेलती है। जिससे मरीज सांस न भी ले पाए तो उसे बराबर ऑक्सीजन मिलती रहती है। यह मशीन सांस नली को फैला कर रखती है जिससे फेफड़े पर कम दबाव पड़ता है और मरीज राहत महसूस करता है।

 

 

 

 

 

 

 

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