जनता बिजली-पानी संकट झेले, नेता जी छठी व बर्थडे मनावें

रिपोर्ट- अरुण कुमार तिवारी

 

AJ डेस्क: घराना तो राजनीति का गढ़ रहा है लेकिन अभी राजनीति का कमान संभाले नई पीढ़ी अपने ही स्टाइल में राजनीति कर रही है। वह विपक्ष की भूमिका ही शायद भूल चुके हैं। बिजली, पानी व बदहाल सड़क से त्रस्त जनता की आवाज न बन कर नेता जी कार्यकर्ताओं के यहां छठी व बर्थडे में शामिल हो रहे हैं। सोशल मीडिया में शान से फोटो भी डाला जा रहा है। दरबारी भी राग अलाप रहे हैं कि “अबकी बार पिछला सब रिकॉर्ड टूटी”।

 

 

आग के दरिया पर बसे नेता जी के कार्य क्षेत्र की जनता कई कई दिन पेयजल के लिए तरस जाती है। बिजली संकट अलग से परेशान किए हुए है। क्षेत्र की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जनता की आवाज उठाने वाला कोई नही है। थक हारकर त्रस्त जनता खुद ही सड़क पर उतर रही है। विपक्षी नेता जिन्हें शायद अभी जन समस्याओं को लेकर जनता की आवाज बुलंद करनी चाहिए। वह शनैः शनैः जनता से दूर होते जा रहे हैं।

 

 

घराना है तो स्वभाविक है दरबारी भी होंगे ही। नेता जी के अगल बगल साये की तरह रहने वाले दरबारी कहें या सलाहकार अपने नेता जी को छठी और बर्थडे पार्टी में ले जाने से नही चुकते। दरबारी शान से कहते हैं कि पिछला रिकॉर्ड टूटबे करी। नेता जी सबके घरे पहुँचत बाड़े, लोकप्रियता गजब के बढ़त बा। राजनीति की यह नई पीढ़ी और उनके दरबारी सोशल मीडिया की राजनीति पर ज्यादा विश्वास करते हैं। सोशल मीडिया में ही सड़क, नाला की समस्या उठाते हैं और अपने विरोधी पर कटाक्ष करते हैं। वह जनता के बीच जाकर उनकी आवाज बनना शायद उचित नही समझते।

 

 

नेता जी के क्षेत्र के अनुभवी लोगों का कहना है कि जब से घराना की नई पीढ़ी ने कमान संभाला है। दरबार मे चापलूस दरबारियों की बहार आ गयी है। घराना के शुभ चिंतक रहे लोग जो अब धीरे धीरे दूर होते जा रहे हैं। उनकी मानें तो पिछले चुनाव का परिणाम भी “चंगु- मंगु” टाइप के दरबारियों के चलते ही पक्ष में नही आ सका था। उससे सबक नही सीख अब तो दरबारियों को और भी तरजीह दिया जाने लगा है। जन समस्याओं से दूर और ——। देखा जाए आगे आगे होता है क्या???

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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