झारखण्ड में अधूरे पड़े केंद्रीय विश्व विद्यालय और IIT का काम शीघ्र पूरा होगा- केन्द्रीय मंत्री

AJ डेस्क: पीएम मोदी के कैबिनेट में मंत्री बनने के बाद पहली बार धनबाद पहुंची केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी का लगातार रैलियों और बैठकों का दौर जारी है। बुधवार की देर शाम जन आशीर्वाद रैली के साथ महुदा, बाघमारा होते हुए धनबाद पहुंची केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गुरुवार को आईआईटी-आइएसएम, खनन प्रशिक्षण संस्थान सहित दर्जनों शिक्षण संस्थानों के निदेशकों और प्राचार्यो के साथ बैठक की। इससे पूर्व उन्होंने धनबाद के सर्किट हाउस में एक पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। जिसमें उन्होंने शिक्षा नीति पर कई जानकारियां दी।

 

 

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने धनबाद परिसदन में पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में अधूरे पड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय और आईआईटी का काम जल्द पूरा हो इसका प्रयास किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को समग्रता में लागू किया जाएगा। इस शिक्षा नीति में कई बातें ऐसी हैं जो न सिर्फ छात्रों में शिक्षा के प्रति रूचि जगाएगी बल्कि इससे उनमें स्वरोजगार की वृत्ति भी उत्पन्न होगी। मंत्री के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई 11 भारतीय भाषाओं में होगी। यह जरूरी नहीं कि अब सिर्फ अंग्रेजी जानने वाले ही इंजीनियरिंग करें। यह भारतीयता की ओर एक बड़ा कदम है। इस नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा भी स्थानीय भारतीय भाषाओं में ही दी जाएगी। बच्चों पर हिंदी अथवा अंग्रेजी का बोझ नहीं लादा जाएगा। व‍िद्यार्थी अब ह‍िंंदी, मराठी, तम‍िल, तेलगु, कन्‍नड़, गुजराती, मलयालम, बंगाली, असम‍िया, उड़‍िया, पंजाबी में भी इंजीन‍ियर‍िंंग की पठाई कर पाएंगे।

 

 

उन्होंने कहा कि एक बड़ी विशेषता यह भी है कि छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। छठी कक्षा तक बच्चों में अपने काम के प्रति रुचि उत्पन्न हो जाता है। वह यह जान लेते हैं कि उन्हें क्या करना है और वह उसी दिशा में अपनी शिक्षा को भी महत्त्व देंगे, उन्हें चुनेंगे और उसी अनुरूप काम करेंगे। मोदी सरकार की कोशिश है कि सभी वर्गों में समानता का भाव उत्पन्न करें। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास यही हमारा मूल मंत्र है। कैबिनेट का गठन भी इसी उद्देश्य से किया गया है। सभी वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी गई है, प्रमुखता दी गई है। विशेषकर युवाओं और महिलाओं को आजादी के बाद से सर्वाधिक प्रतिनिधित्व दिया गया है। ठीक उसी तरह शिक्षा नीति भी बनाई गई है। जिसमें एक ही छत के नीचे सभी तरह के लोग सभी तरह के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उदाहरण के लिए दिव्यांग बच्चों के लिए साइन लैंग्वेज की व्यवस्था कक्षा में रहेगी। वे सामान्य बच्चों के साथ ही शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और उनमें यह भावना घर ना करें कि वह अन्य की अपेक्षा कमजोर हैं। इसके लिए तकनीक का सहारा भी लिया जाएगा।

 

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में है। इसका अधिकांश भारत राज्य सरकार के अधिकार में आता है। इसलिए राज्य सरकार के साथ ही मिलकर हमें इस विकास कार्य को आगे बढ़ाना होगा। देखना है कि राज्य सरकार इसे कितनी गंभीरता से लेती है। यहां हमारी सरकार नहीं और मौजूदा सरकार ज्यादा सहयोगी भी नहीं। उन्होंने सभी लोगों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और सफल बनाने और सर्वग्राही बनाने के लिए सुझाव की अपेक्षा की।

 

 

इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुद्धिजीवियों के साथ शिक्षा नीति और बेहतर देश बनाने की दिशा में क्या-क्या करने की जरूरत है, इस विषय पर एक बैठक कर विचार-विमर्श किया। इस दैरान शिक्षाविदों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पहले से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था में काफी कमियां हैं। जिसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति बनाई गई है। इस नई शिक्षा नीति में आप शिक्षाविदों का सुझाव बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपलोगों से मिलने वाले सुझाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखेंगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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