अवैध कोयला कारोबार : नायाब तरीका, BCCL के समानांतर बांटी गई जिम्मेवारी

रिपोर्ट- अरुण कुमार तिवारी

 

AJ डेस्क: झरिया कोयलांचल में कोयला चोरों ने इस बार नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। अलग-अलग गुट में बंट कर काम करने के बजाय इन्होंने एकता का गजब परिचय दिया है। पुराने घाघ अवैध कारोबारी मोर्चा सम्भाले हुए हैं। BCCL के तर्ज पर इन अवैध कारोबारियों ने अलग-अलग क्षेत्र को सिंडिकेट के सदस्यों के बीच बांट लिया है।

 

 

जानकारों की मानें तो कोयला के अवैध कारोबारियों ने पहले सिंडिकेट का गठन किया। सिंडिकेट के मुखिया ने सदस्यों के बीच उनके सुविधानुसार क्षेत्र बांट दिया। अब सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में कोयला का अवैध कारोबार कर रहे हैं। सिंडिकेट का मुखिया सदस्यों को आश्वस्त कर रखा है कि उनके खिलाफ प्रशासनिक गाज नही गिरेगी। क्योंकि वह राजधानी के सत्ता के गलियारे से आशीर्वाद प्राप्त कर चुका है। इस बात में कितना दम है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अवैध कारोबारियों के इस नए स्टाइल से उन्हें एक लाभ जरूर मिला कि कारोबारियों के बीच कोई विवाद नही खड़ा हो रहा है।

 

 

जानकार बताते हैं कि निशांत, लखी, शैलेन्द्र, मुन्ना, सुनील और मुकेश नाम के कारोबारी ही सिंडिकेट में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यही अन्य कारोबारियों को क्षेत्र आवंटित कर रहे हैं और काम पर पूरी तरह अपना कंट्रोल रखे हुए हैं। आधुनिकता की दौड़ में कोयलांचल के इतिहास में इतने सिस्टेमिक ढंग से पहली बार काला हीरा का अवैध कारोबार किया जा रहा है।

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