थम नहीं रहा कोयले का अवैध कारोबार, छुटभैया भी लगा रहे गंगा में डुबकी
AJ डेस्क: कोयलांचल के बड़े हिस्से में बी सी सी एल कोयला खनन करता है। या यूं भी कहा जा सकता है कि धनबाद की पहचान ही कोयला और कोयला आधारित कल कारखाने से है। इसी में एक वर्ग है जो कोयला के अवैध कारोबार को एक अलग ही इंडस्ट्री का रूप दे चुके हैं। कोई सीधे खनन करता है तो कोई बी सी सी एल का ही कोयला उठवा अपने डिपो में जमा कर उसे मंडी में और भट्ठों में बेच देता है। सिंदरी और बाघमारा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में कोयले का अवैध कारोबार थमने का नाम नही ले रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार झरिया कोयलांचल में अब कोयला के अवैध कारोबारी आमने सामने आने की स्थिति में हैं। वहां बने सिंडिकेट से अलग भी कुछ कोयला चोर बहती गंगा में डुबकी लगाने लगे हैं और यह अपने मधुर सम्बन्ध के बल पर सिंडिकेट के ही कुछ सदस्यों को तंग करना शुरू कर चुका है। जानकार बताते हैं कि तीसरा थाना क्षेत्र के किसी डिपू धौड़ा नामक जगह पर कोई करपुरियात नामक कोयला चोर सक्रिय हो चुका है। वह अगल बगल के क्षेत्रों में स्पॉट बदल बदल कर नियमित रूप से अवैध कारोबार जारी रखे हुए है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ स्थानीय स्तर और सेटिंग करके अपना काम करता है। झरिया से सटे एक क्षेत्र के थानेदार का इसे विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। थानेदार जिला के हैं और उनका रौवाब भी जिला स्टाइल का ही है। सेटिंग गेटिंग पर यह किसी को भी फर्जी मुकदमा में घसीट लेने का कूवत भी रखता है। जानकार कहते हैं कि स्थानीय वर्दी वालों का आशीर्वाद प्राप्त होने के कारण ही सिंडिकेट के एक सदस्य का काम वह चालू नही होने दे रहा। इससे वहां तनाव का माहौल भी बन रहा है।
कतरास के शक्ति महतो चौक के पास अहले सुबह से आप खड़ा होकर वहां का नजारा देखेंगे तो सारी कहानी खुद ब खुद समझ जाएंगे। साइकिल से कोयला ढोने वालों का हुजूम वहां नजर आएगा और कोई साइकिल वाला आगे न बढ़ जाए इसलिए उसे रोक कर अपने डिपो तक पहुंचाने वालों की भी मुस्तैदी वहां देखने को मिल जाएगी। मुखिया, अभय, गोलू यहां धड़ल्ले से दिन रात काम कर रहे हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रूप में तोपचांची को जाना जाता था। लेकिन समय बदला है। तोपचांची में भी काला हीरा की चमक देखने को मिल रही है। कांडेडीह पंचायत भवन से थोड़ी दूरी पर ही खुले खेत में काला हीरा का भंडारण देखा जा सकता है।