ISKCON कुसुम विहार ने छोटे बच्चों और ग्रामीणों के बीच बांटा ढाई हजार मिष्ठान का पैकेट
AJ डेस्क: ISKCON कुसुम विहार धनबाद द्वारा श्रीपाद सुन्दर गोविन्द दास प्रभुजी के मार्ग-दर्शन में कृष्णकृपश्रीमूर्ति श्रीश्रीमद अभय चरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद जी (ISKCON के संस्थापकचार्य) के 125 वी आविर्भाव तिथि पर बुधवार से ISKCON कुसुम विहार धनबाद द्वारा 2500 प्रसाद के पैकेट छोटे-छोटे बच्चों एवं गाँव के लोगों के मध्य वितरण का कार्यक्रम शुरू किया गया। इस आयोजन में धनबाद के सभी भक्तों का सहयोग रहा और यह वितरण कार्यक्रम जन्माष्टमी के एक दिन पहले तक धनबाद के अलग-अलग गाँवों में किया जाएगा।
श्रील अभय चरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने ही सर्व प्रथम विदेशों में भारत के सनातन धर्म तथा वैदिक संस्कृति का प्रचार किया। श्रील प्रभुपाद ने अकेले ही 75 वर्ष की आयु में भारत से विदेश जाकर वहाँ कृष्णभावनामृत का प्रसार किया। श्रील प्रभुपाद ने 11 बार पूरी दुनिया में यात्रा की। पूरी दुनिया में 108 मंदिरों की स्थापना की। विश्वभर में रथ यात्रा प्रारंभ की, जो आज भी जारी है। नशे में धुत्त तथा वैभिचारी हिप्पियों को भगवान का दास बना दिया। 96 पुस्तकों का प्रकाशन किया, श्रीमद्भागवताम का 18 स्कन्द में अनुवाद किया, श्रीमद्भगवद्गीता (यथारूप) का सरल भाषा में अनुवाद किया (जिसकी अबतक लाखों प्रतियां प्रकाशित हो चुकी है)।
इसके साथ ही बंगाल के नदिया प्रान्त में ISKCON मायापुर की स्थापना कि जो पूरे विश्व का आध्यात्मिक केंद्र है। श्रील प्रभुपाद ने ‘फ़ूड फ़ॉर लाइफ’ की शुरुआत की। जिसके अंतर्गत लाखों बच्चों और असमर्थ लोगों को भगवान का महाप्रसाद खिलाया जाता है। श्रील प्रभुपाद ने बिना घर छोड़े, बिना परिवार को त्यागे भगवान को प्राप्त करने का सरल मार्ग बताया है। श्रील प्रभुपाद एक अतिदुर्लभ और विलक्षण संत हैं जिन्हें पूरा विश्व सराहता है।