“चंदन” की ‘महक’ मिल गयी तो कोयला कारोबार में हो जाएंगे ‘मालामाल’

AJ डेस्क: कोयलांचल धनबाद के कोल व्यवसाय क्षेत्र में ‘चंदन’ की खूब चर्चा है। अवैध कारोबार से ताल्लुक रखने वाले कहते हैं कि एक बार चंदन की महक पा लेने मात्र से कोयला में लॉटरी खुल जा रहा है। इस कड़ी में दो माहिर खिलाड़ी “राय और पांडे” भी नेपथ्य से अहम भूमिका निभा रहे हैं।

 

 

कोयलांचल में इन दिनों चंदन खूब सुर्खियों में हैं। जी टी रोड के एक होटल में उनका बसेरा है तो एक दूसरे होटल में वह अपनी महक से कोयला चोरों को और उनके साथ खुद को लाभान्वित करते हैं। यह चंदन इस जिला का नही है बल्कि इम्पोर्टेड है। चंदन को अवैध कारोबारियों के बीच खुशबू या दुर्गंध जो कह लें, फैलाने की इजाजत कहाँ से मिली है, इसकी भी खूब चर्चा है। कहा जाता है कि यह तो सिर्फ मोहरा है। किसी और के लिए काम करता है। कोयला के अवैध कारोबारियों से सारा डीलिंग यही शख्स करता है। पेमेंट भी यही उठाता है और फिर ग्रीन सिंग्नल भी यहीं से मिलता है।

 

 

दशकों से कोयला के अवैध कारोबार के लिए जी टी रोड का निरसा क्षेत्र अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। इस बार दो माहिर पुराने खिलाड़ी ‘राय और पांडे’ एक साथ हो गए हैं। यह दोनों पर्दा के पीछे से सारा खेल खेलते हैं। जानकार बताते हैं कि ‘रमेश और रवीश’ भी राय और पांडे के ही सिंडिकेट के सदस्य हैं।

 

 

किशोर के कार्यकाल के समय बड़े ही तेजी से रमेश का नाम निरसा के अवैध कारोबार जगत में उभर कर सामने आया था। रमेश क्षेत्र के माहिर खिलाड़ी राय का आशीर्वाद प्राप्त किये हुए है ही। वह डंके की चोट पर क्षेत्र में कहता है कि उसे जिला के बाहर के एक “अधिकारी” का वरदहस्त प्राप्त है। कोड में वह ‘D–I’ बोलता है उस अधिकारी को और बड़े ही मधुर सम्बन्ध होने की बात करता है। उसका कहना है कि D I जब तक हैं जिला मुख्यालय भी उन्हें डिस्टर्व नही कर सकता। ‘RV, RV—रवीश’ तो लंबे समय से अधिकारियों की सेवा करने, मुखबिरी करने में महारथ हासिल किए हुए है। इसका लाभ भी उसको इस बार मिला है। अवैध कारोबार जगत में वह पंचेत प्रभारी नियुक्त किया गया है।

 

 

सिंडिकेट का कार्य क्षेत्र अब बढ़ता जा रहा है। उस क्षेत्र में लगभग एक दर्जन भट्ठों को चंदन की महक मिल चुकी है। तो कुछ और जगह पर नारियल फोड़ने की तैयारी जोरों पर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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