निरसा और झरिया के अवैध कोयला कारोबारियों को आखिर किसका मिला है आशीर्वाद, बेधड़क कर रहे काम

AJ डेस्क: आखिर किसके शह पर, किसका खुला वरदहस्त पाकर बेधड़क निरसा और झरिया क्षेत्र में सक्रिय सिंडिकेट कोयला का अवैध कारोबार जारी रखे हुए हैं। अब यह प्रश्न कोयलांचल की फिजा में तैरने लगी है।

 

 

कोयलांचल धनबाद में किसी भी तरह के खनिज पदार्थों के अवैध कारोबार, ट्रांसपोर्टिंग पर अंकुश लगाने के लिए उपायुक्त ने भी अलग से प्रशासनिक अधिकारियों का टीम बना रखा है। उपायुक्त द्वारा बनाई गई टीम ने जिला के कुछेक स्थानों पर छापेमारी कर अवैध कोयला कारोबार का खुलासा भी किया था। लेकिन इसके बावजूद निरसा और झरिया में सक्रिय सिंडिकेट के सेहत पर कोई असर नही पड़ रहा दिखता है।

 

 

कोयला के अवैध कारोबार से अभी जी टी रोड गुलजार है। साइकिल से कोयला पहुंचाने वालों से इनका टार्गेट पूरा नही हो रहा तो बन्द पड़े खदानों को इन्होंने टारगेट कर रखा है। सेटिंग गेटिंग के मास्टर माइंड राय और पांडे का जलवा चरम पर है। उनके गुर्गे रमेश और रविश भी बहती गंगा में खूब डुबकी लगा रहे हैं।

 

यही हाल झरिया क्षेत्र का है। झरिया कोयलांचल में सक्रिय कोयला के अवैध कारोबार में घाघ हो चुके कारोबारियों का सिंडिकेट बिना किसी डर भय के अपना काम कर रहे हैं। कुछ तो BCCL द्वारा उत्पादित कोयला पर ही हाथ साफ कर रहे हैं तो कुछ खनन भी करवा रहे हैं।

 

कोयलांचल की आम व खास इस बात पर हैरान है कि एक बार फिर से धड़ल्ले से अवैध कोयला कारोबारी तेजी से सर उठाये हैं। इसकी जानकारी क्षेत्र में कमोबेश सभी को है तो फिर जिम्मेवार तंत्र के कानों पर जूं तक क्यों नही रेंग रही। आखिर अवैध कारोबारियों को किसका वरदहस्त प्राप्त है। किसके शह पर और किसके आशीर्वाद से उनके द्वारा राष्ट्रीय सम्पति लूटा जा रहा है। सरकार की गुप्तचर एजेंसियां क्या कर रही हैं। पुलिस का सूचना तंत्र कैसे शिथिल पड़ गया है और हर छोटी बड़ी खबर पहुंचाने वाले मुखबिर इन दिनों क्या भूमिगत हो गए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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