यूथ इंटक और घरेलू कामगार संगठन के बीच हुआ वैचारिक विनियम

AJ डेस्क: शनिवार को रांची फादर कामिल पथ स्थित, संत अन्ना मध्य विद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन के तत्वाधान में मजदूरों की समस्या निवारण हेतु यूथ इंटक के साथ एक दिवसीय वैचारिक विनियम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घरेलू कामगार सहित अन्य संगठन संगठित असंगठित कामगारों के विभिन्न आंदोलनों को एकजुट होकर गोलबंद तरीके से किस प्रकार राष्ट्रव्यापी आंदोलन को तेज करना है। इस कार्यक्रम में यूथ इंटक झारखंड, राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन, झारखंड घरेलू कामगार यूनियन के लगभग 40 नेतृत्वगण की सक्रिय भागीदारी रही। यूथ इंटक झारखंड की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कुमार रवि चौबे की अगुवाई में 11 सदस्य टीम ने नेतृत्व किया।

 

 

यूथ इंटक की ओर से अंजनी कुमार ने कहा कि सबसे जरूरी अपने आपको सचेत/ जानकार और जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि संगठित ताकत से ही मजदूरों की समस्याओं का निवारण किया जा सकता है। दिपेश पाठक और अंजनी पांडे ने सभी मजदूरों की बुरी स्थिति के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि अगर मजदूरों का यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मजदूर और कामगारों को मेहनत के बदले भूख से मौत नसीब होगी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब तक संगठन मजबूती से और ताकतवर नहीं होगी तब तक मजदूर आंदोलन में गति नहीं आ सकती है और जब तक मजदूर आंदोलन में गति नहीं होगी तब तक मजदूर और कामगारों का हित नहीं हो सकता है।

 

 

उन्होंने कहा कि क्योंकि इंटक भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। हम सब के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजीवा रेड्डी के नेतृत्व में राष्ट्र की पांचो केंद्र मजदूर संगठन ने उन्हें अपना नेतृत्वकरता मान लिया है और केंद्र सरकार भी उनका लोहा मानती है। अब समय आ चुका है कि देश के घरेलू कामगार संगठन, इंटक के साथ हाथ मिलाकर अपनी माताएं, बहने और भाइयों का हक दिलाने के लिए एक हो। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह करोना काल में लोग अपने घर के सदस्य को छूने और उनका देखभाल करने में हिचकिचा रहे थे, वहां हमारी इन घरेलू कामगार के सदस्यों ने साफ सफाई और सेवा करने का काम आगे आकर किया, जो भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन अब समय आ चुका है इनको एक सम्मानजनक हक दिलवाने का। क्योंकि श्रमिक कानून के तहत घरेलू कामगार के साथी भी असंगठित मजदूर की श्रेणी में आते हैं, जिनको सरकार के तरफ से हर मूलभूत सुविधा, सरकारी नियोजन, न्यूनतम मजदूरी दर, पीएफ, ईएसआई जैसी हर सुविधा का लाभ होना चाहिए।

 

 

झारखंड घरेलू कामगार यूनियन की ओर से पूनम होरो ने कहा कि घरेलू कामगारों की समस्याओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है और शुरू से ही इनके अधिकार और हित को सरकार नजरअंदाज करती आई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आईएलओ C-189 पर 2011 में हस्ताक्षर होने के बाद भी आज तक भारत सरकार हमारे देश में इसका अनुसमर्थन नहीं किया है। यूनियन की अध्यक्ष रेनू लिंडा ने कहा कि सभी घरेलू कामगारों को एकजुट होना जरूरी है। उन्होंनेे सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के कार्यों का भी विवेचना की। संगठन से जुड़ी सिस्टर अमृता बेक ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम सभी कामगारों को एक साथ होकर चर्चा करते हुए सरकार से विनम्र मांग करें।

 

 

कार्यक्रम में यूथ इंटक की ओर से दीपेश पाठक, सतीश कुमार, पूर्णिमा सिंह, आभा सिन्हा और झारखंड घरेलू कामगार यूनियन से उर्मिला देवी, अनीता देवी, निर्मला टोप्पो, एंड्रम, एडिट हेंब्रम, दीपाली कुमारी, आशा देवी, राजमणि और सोमारी तथा राष्ट्र घरेलू कामगार संगठन की ओर से रेणुका केरकेटा, एलिस पूर्ति, विवेक आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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