लंदन से भारत आए चार यात्री कोरोना पॉजिटिव, 15 से अंतरराष्ट्रीय उड़ान का फैसला स्थगित

AJ डेस्क: लंदन और एम्स्टर्डम से बीते दिनों दिल्ली आए 4 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सभी सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया। बताया जा रहा है कि रात लंदन और एम्स्टर्डम से आई फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे यात्रियों में से 4 के कोरोना RTPCR टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। ओमीक्रॉन वेरिएंट की आशंका को देखते हुए चारों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट 3 दिन में आएगी। तब तक ये सभी LNJP में आइसोलेशन में रखे गए हैं।

 

 

इधर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 15 दिसंबर से शुरू करने के फैसले को टाल दिया गया है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 15 दिसंबर से नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाओं को वापस शुरू करने के फैसले को स्थगित कर दिया है। डीजीसीए ने कहा कि नई तारीख जल्द अधिसूचित की जाएगी। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रोन सामने आने के बाद से भारत की चिंता भी बढ़ी है, जिसके मद्देनजह यह फैसला लिया गया।

 

 

23 मार्च से निलंबित हैं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें-

मालूम हो कि भारत में 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित हैं। बाद में वंदे भारत की उड़ानें और बबल व्यवस्था के तहत उड़ानों की अनुमति दी गई थी। 31 देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था के तहत उड़ानें चालू हैं।

 

 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से जारी नोट में कहा गया कि, ‘वैश्विक स्थिति को बारीकी से देखा जा रहा है और शेड्यूल्ड कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि के लिए एक उचित निर्णय लिया जाएगा है।’ पिछले हफ्ते ही भारत सरकार ने 20 महीने के अंतराल के बाद 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को फिर से शुरू करने को कहा था।

 

 

केंद्र ने 26 नवंबर को कहा था कि 15 दिसंबर को कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें फिर से शुरू की जाएंगी। गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं फैमिली वेलफेयर मंत्रालय के परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया था। इसके बाद 28 नवंबर को केंद्र ने कहा कि वह कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के मद्देनजर उड़ानों को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय लेगी।

 

 

कोरोना के नए वैरिएंट का पहला मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। इसके बाद ब्रिटेन, इजरायल, हॉन्‍गकॉन्‍ग में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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