दहीबाड़ी आउट सोर्सिंग में मासस व झामुमो समर्थक भिड़े, जमकर चला लाठी डंडा

AJ डेस्क: धनबाद के निरसा स्थित बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी में वर्चस्व को लेकर शनिवार को मासस एवं झामुमो के बीच जमकर मारपीट हुई, जो खूनी संघर्ष में बदल गया। दोनों और से कार्यकर्तओं के बीच लाठी-डंडे, धारदार हथियार के साथ पत्थर बाजी भी हुई। जिसमें दोनों तरफ के लगभग 20 से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए। तनाव के बाद पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

 

 

घटना के संबंध में बताया जाता है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मासस के द्वारा शनिवार को आउट सोर्सिंग कंपनी के खिलाफ मौके पर प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान झामुमो के समर्थकों ने मासस के प्रदर्शनकर्ताओं को को आगे जाने से रोकने लगे। जिसे लेकर दोनों के बीच कहा सुनी शुरूहो गई औरदेखते ही देखते दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगा। कुछ समर्थकों ने कुल्हाड़ी एवं तीर का भी इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि यह पूरी घटना मौके पर मौजूद पंचेत पुलिस के सामने हुई। मामला बढ़ता देख पंचेत ओपी प्रभारी घटना की सूचना वरीय पुलिस पदाधिकारियों को दी। उसके बाद कालूबथान, गलफरबाड़ी, चिरकुंडा पुलिस तथा पुलिस निरीक्षक दलबल के साथ मौके पर पहुंचे।

 

 

इधर घटना को लेकर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि इस घटना को लेकर पुलिस जिम्मेवार है। इससे पहले भी घटना घट चुकी थी। झामुमो समर्थकों ने कुल्हाड़ी से वार किया। जिस कारण कई कार्यकर्ता घायल हुए है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग प्रबंधन लोगों को लड़वा रही है। हमारे कार्यकर्ता शांति पूर्ण आंदोलन के लिये गये थे। झामुमो द्वारा सुनियोजित तरीके से मासस के कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया।

 

 

वहीं दूसरी ओर झामुमो नेता बोदी हांसदा का कहना है कि इस घटना के लिए पूर्व विधायक अरूप चटर्जी जिम्मेवार है। विस्थापित अपने हक की लड़ाई लंबे समय से लड़ रहे है। अरूप चटर्जी बाहरी लोगों को यहां नियोजन दिलवाकर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे है। जिसे झामुमो किसी भी हालत में पूरा नही होने देंगे। झामुमो पहले से स्थानीय लोगों के नियोजन की मांग को लेकर धरना दे रही है।

 

 

इस संबंध में ओपी प्रभारी कुलदीप रोशन बारी ने कहा कि पूर्व विधायक द्वारा जो दूसरे दल के कार्यकर्ताओं को सह देने की बात कर रहे है वह बेबुनियाद है। हमलोगों को जैसे ही पता चला कि मासस द्वारा दहिबाड़ी में कार्यक्रम है। हमलोग जुलूस के पीछे पीछे चल रहे थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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