काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में लगे 25 सौ मजदूरों संग भोजन किया प्रधानमंत्री ने

AJ डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र काशी पहुंचे और काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया। काशी विश्वनाथ धाम परियोजना करीब पांच लाख वर्ग फीट में फैली हुई है और गंगा नदी को काशी विश्वनाथ मंदिर से जोड़ती है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाओं का विकास किया गया है। इसके उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ खाना भी खाया।

 

 

इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें पीएम मोदी मजदूरों के साथ बैठकर खाना खाते नजर आ रहे हैं। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मजदूरों के साथ बैठकर खाना खाया। जानकारी के मुताबिक इस दौरान 2500 मजदूरों के खाने की व्यवस्था की गई थी। पीएम मोदी की पसंद को ध्यान में रखते हुए खाने में गुजराती व्यंजन की भी व्यवस्था की गई थी। इससे पहले पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के काम में लगे मजदूरों पर उनके कार्य के लिए आभार व्यक्त करने के लिए गुलाब की पंखुड़िया बरसाई।

 

 

 

 

 

वहीं, अपने निर्वाचन क्षेत्र आने के बाद पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की और गंगा नदी में डुबकी लगाई। वहां से पवित्र गंगाजल लेकर वह भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आए। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन से पहले मोदी ने एक प्रार्थना समारोह में हिस्सा भी लिया।

 

 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा-

वहीं काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा, “मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है। काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?”

 

 

 

 

 

 

 

पीएम मोदी ने कहा, “विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का।”

 

 

पीएम मोदी ने कहा, ‘आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए! औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।’

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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