काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का लोकार्पण करते हुए पी एम मोदी ने कहा- जनता जर्नादन ईश्वर का रूप

AJ डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जनता को भगवान बताते हुए उनसे तीन चीजों की मांग की। उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने हम भारतीयों का आत्मविश्वास ऐसा तोड़ा कि हम अपने ही सृजन पर विश्वास खो बैठे।

 

 

पीएम मोदी ने कहा कि आज हजारों साल पुरानी इस काशी से मैं हर देशवासी का आह्वान करता हूं। पूरे आत्मविश्वास से सृजन करिए, इनोवेट कीजिए, इनोवेटिव तरीके से करिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का ही अंश है और इसलिए मैं कुछ मांगना चाहता हूं। मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं, जो स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास है।

 

 

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये आजादी का अमृतकाल है। हम आजादी के 75वें साल में हैं। जब भारत सौ साल की आजादी का समारोह मनाएगा, तब का भारत कैसा होगा, इसके लिए हमें अभी से काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि काशी अहिंसा, तप की प्रतिमूर्ति चार जैन तीर्थंकारों की धरती है। राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा से लेकर वल्लभाचार्य, रमानन्द जी के ज्ञान तक, चैतन्य महाप्रभु, समर्थगुरु रामदास से लेकर स्वामी विवेकानंद, मदनमोहन मालवीय तक। कितने ही ऋषियों, आचार्यों का संबंध काशी की पवित्र धरती से रहा है।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान, और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम आ सकेंगे। काशी विश्वनाथ धाम परियोजना करीब पांच लाख वर्ग फीट में फैली हुई है और गंगा नदी को काशी विश्वनाथ मंदिर से जोड़ती है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाओं का विकास किया गया है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और देशभर से आए साधु संत भी मौजूद थे।

 

 

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद कहा, काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन से भारत को निर्णायक दिशा मिलेगी, उज्ज्वल भविष्य का सूत्रपात होगा। वाराणसी के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने पहले काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की, फिर गंगा नदी में डुबकी लगाई।

 

 

 

 

 

इसके बाद पवित्र गंगाजल से काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया। करीब पांच लाख वर्ग फीट में फैली काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के पहले चरण की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी ने कहा, आतातायियों ने वाराणसी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं।

 

 

उन्होंने कहा, ‘यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।’

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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