स्वर साम्राज्ञी, बुलबुल हिंद, भारत रत्न लता मंगेशकर हुईं सदा के लिए खामोश

AJ डेस्क: देश में अपनी अवाज से जादू बिखेरने वाली मशहूर बॉलीवुड गायिका लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। लता मंगेशकर (92) का पिछले तीन हफ्तो से कोविड-19 का इलाज चल रहा था। इस खबर की पुष्टि उनकी बहन उषा मंगेशकर ने की है। बता दें कि भारत रत्न पुरस्कार विजेता को शनिवार सुबह उनकी तबीयत गंभीर होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। मंगेशकर COVID​​-19 पॉजिटिव आने के बाद 11 जनवरी को अस्पताल में भर्ती हुई थी।

 

 

नहीं रहीं लता दीदी-

शनिवार की रात उनकी बहन आशा भोसले ने ब्रीच कैंडी अस्पताल गई थी और बताया कि, “डॉक्टर ने कहा है कि वह अब स्थिर है”।

 

 

 

 

लता मंगेशकर का करियर-

28 सितंबर, 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर को देश की सबसे महान पार्श्व गायिकाओं में से एक के रूप में जाना जाता है। ‘क्वीन ऑफ मेलोडी’, ‘लता दीदी’ के नाम से मशहूर गायिका ने छत्तीस से अधिक भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं। उन्होंने ऐसा देस है मेरा, लग जा गले, मेरे मितवा मेरे मीत रे, एक प्यार का नगमा है, ये गलियां ये चौबारा, जिंदगी की ना टूटे लड़ी, ऐ मेरे वतन के लोगों और अन्य कई हिट गानें दिए हैं।

 

 

लता ‘दीदी’ ने प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, भारत रत्न, और कई अन्य पुरस्कार जीते हैं। फ्रांस ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 2007 में लीजन ऑफ ऑनर के अधिकारी से भी सम्मानित किया। बता दें कि लता मंगेशकर की बहने भी (मीना, आशा, उषा) कुशल गायक और संगीतकार हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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