बोकारो के शराब माफिया अनिल की गिरफ्तारी से अवैध कारोबारियों में हड़कंप

AJ डेस्क: शराब माफिया अनिल सिंह की दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद कई राज खुलने लगे हैं। बिहार में अवैध तरीके से शराब की सप्लाई करने वाला माफिया हवाला के जरिए इस गोरखधंधे को चला रहा था। वो पिछले कई सालों से टैक्स की चोरी भी कर रहा था। जिससे सरकार को भी ये चूना लगा रहा था। बिहार पुलिस के मद्यनिषेध प्रभाग के इन्वेस्टिगेशन में इस बात की पुष्टि हुई है।

 

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शराब माफिया अनिल सिंह पिछले कई सालों से हवाला कांड को अंजाम देता आ रहा है। हवाला का खेल दिल्ली के रास्ते चल रहा था। वह यूनिक नंबर वाले एक नोट का फोटो मोबाइल से क्लिक कर सामने वाले पार्टी को भेजता था। फिर वो पार्टी दिल्ली में बताए जगह पर जाती थी। वहां यूनिक नंबर वाले नोट का फोटो दिखाने के बाद किलो के हिसाब से रुपए का लेन-देन होता था। मतलब 10 KG का 10 लाख रुपया।

 

 

हवाला के जरिए ही बिहार में सप्लाई की जाने वाली शराब की खेप के साथ-साथ स्पिरिट देने वाले, बोतल बनाकर देने वाले और ब्रांड का रैपर छाप कर देने वालों के रुपए का भुगतान किया जाता था। सारा काम 2 नंबर के जरिए चल रहा था। दरअसल, अनिल सिंह शराब बनाने के लिए स्पिरिट और दूसरे रॉ मैटीरियल अरुणाचल प्रदेश और हरियाणा से मंगवाया करता था। इन दोनों ही राज्यों में स्थानीय सरकार की तरफ से प्रोत्साहन नीति बनी हुई है। जिस कारण शराब कारोबारियों को काफी फायदा मिलता है। जिसका यह जमकर फायदा उठा रहा था।

 

 

चौंकाने वाली बात है कि झारखंड के बोकारो में बियाडा से मिले जमीन पर इसने श्रीओम बॉटलर्स एंड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शराब बनाने की जो फैक्ट्र लगाई थी, उसमें अनिल सिंह ने बड़ा झोल किया। सूत्र बताते हैं कि 2018 से ही इसने ऑन पेपर फैक्ट्री को बंद कर रखा था। जबकि, उसी फैक्ट्री में अरुणाचल प्रदेश और हरियाणा से स्पिरिट मंगवा अवैध तरीके से शराब बनाई जा रही थी। फैक्ट्री के पास बनाए गए अवैध गोदाम में उसे स्टॉक करता था और फिर वहीं से बिहार में अवैध तरीके से शराब की सप्लाई करता था। इस धंधे के लिए रुपए का लेन-देन हवाला के जरिए हो रहा था। इससे झारखंड की सरकार को बड़े पैमाने पर टैक्स का चुना लगाया जा रहा था। इस खेल में झारखंड के रहने वाले कई लोग अनिल सिंह की मदद कर रहे थे।

 

 

शराब माफिया अनिल सिंह मूल रूप से बिहार के छपरा का रहने वाला है। इसके भाई अभी भी छपरा में रहते हैं। इसका शुरुआती बिजनेस ट्रांसपोर्ट का हुआ करता था। साल 1992 में अनिल सिंह अपने परिवार के साथ बोकारो शिफ्ट कर गया। उस वक्त झारखंड बिहार का ही अंग था। उसी समय उसने बोकारो में केबल का बिजनेस स्टार्ट किया था। साल 2013 में तीन पार्टनर के साथ मिलकर यह शराब के धंधे में आया। बियाडा से जमीन ली और शराब बनाने की फैक्ट्री लगा दी। अब इसकी तैयारी बोकारो में बिस्लेरी के नाम से बियर फैक्ट्री लगाने की थी। काफी हद तक उसकी प्लानिंग पूरी भी हो गई थी।

 

 

अनिल सिंह झारखंड का लीकर किंग बनना चाहता है और अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने में जुटा हुआ था। उसके पहले ही बिहार पुलिस की मद्यनिषेध प्रभाग की टीम ने 8 मार्च की रात दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित एक 5 सितारा होटल से उसे गिरफ्तार किया। जिसके बाद 9 मार्च की देर शाम 7:30 बजे फ्लाइट से इसे पटना लाया गया। इसके बाद रात 8 बजे से ही मद्यनिषेध प्रभाग के अधिकारियों ने पटना में एक जगह पर रख कर अनिल से पूछताछ शुरू कर दी गई। इसी पूछताछ में सारी बातों का खुलासा हुआ है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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